गोरखपुर में बिजली निगम के अकाउंटेंट और बाबू बर्खास्त, कार्यकारी सहायक को किया गया पदावनत

बिजली के 78 बिलों में संशोधन कर निगम को राजस्व की क्षति पहुंचाने वाले कर्मचारियों पर गाज गिर ही गई। बक्शीपुर के अकाउंटेंट रामधनी चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वर्तमान में सलेमपुर में कार्यालय सहायक वीरेंद्र चौधरी की को भी बर्खास्त किया गया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 01:23 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:23 PM (IST)
गोरखपुर में बिजली निगम के अकाउंटेंट और बाबू बर्खास्त, कार्यकारी सहायक को किया गया पदावनत
कर्मचारियों की बर्खास्‍तगी का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नगरीय विद्युत वितरण खंड द्वितीय बक्शीपुर में कुछ साल पहले बिजली के 78 बिलों में संशोधन कर निगम को राजस्व की क्षति पहुंचाने वाले कर्मचारियों पर गाज गिर ही गई। बक्शीपुर के अकाउंटेंट रामधनी चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वर्तमान में सलेमपुर में कार्यालय सहायक वीरेंद्र चौधरी की को भी बर्खास्त किया गया है।

लिपिक पर जुर्माना भी लगा

बक्शीपुर में लिपिक रह चुके नितिन नारायण श्रीवास्तव को पदावनत करते हुए उनकी सेवा प्रारंभ के समय के वेतनमान पर फिर से बहाल किया गया है। नितिन पर 78000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। नितिन देवरिया जिले के गौरी बाजार में कार्यकारी सहायक के रूप में कार्यरत हैं। बक्शीपुर के तत्कालीन अधिशासी अभियंता आरसी पांडेय पर भी कार्रवाई हुई है। हालांकि पूर्वांचल विद्युत वितरण खंड क्षेत्र में उनकी तैनाती न होने के कारण अभी कार्रवाई की जानकारी नहीं हो सकी है। आरसी पांडेय वर्तमान में अधीक्षण अभियंता के पद पर प्रमोट हो चुके हैं।

लाखों के बिल को हजार में बदलकर किया था जमा

बक्शीपुर खंड में नियमों को दरकिनार कर कई बिजली के बिलों को संशोधित किया गया था। लाखों रुपये के बिल को कुछ हजार में बदलकर जमा कराया गया था। इन कनेक्शनों पर मीटर भी बदल दिया गया था ताकि सही रीडिंग की जानकारी न हो सके। इस मामले में कुछ लोगों ने निगम के अफसरों पर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। तकरीबन चार साल से इस प्रकरण की जांच चल रही थी।

अधिशासी अभियंता पर हुई थी कार्रवाई

नगरीय विद्युत वितरण खंड द्वितीय बक्शीपुर में बिजली आपूर्ति में लापरवाही के मामले में तत्कालीन अधिशासी अभियंता आरसी पांडेय के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था। हालांकि तकरीबन आठ दिन बाद ही वह बहाल भी हो गए थे।

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