रेल हादसा रोकने को अलर्ट करेगा सेंसर
साजिद रजा खां, बरेली भारतीय रेलवे बढ़ते ट्रेन हादसों को लेकर फिक्रमंद है तो सफर करने वाले यात्री
साजिद रजा खां, बरेली
भारतीय रेलवे बढ़ते ट्रेन हादसों को लेकर फिक्रमंद है तो सफर करने वाले यात्री दहशत में, लेकिन अब रेल हादसे की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। रेलवे ने रेल इंजन यानी लोको में सीसीटीवी कैमरों के साथ सेंसर लगाने का फैसला लिया है। यह नए लोको के साथ ही पुरानों में भी लगाए जाएंगे। इसके लिए एनईआर के इज्जतनगर और गोंडा डीजल शेड को फरमान मिला है। रेलवे लोको कैब वीडियो एंड वॉयस रिकार्डिग सिस्टम (एलसीयूआर) से हर लोको को लैस करेगा। इसके लिए भारतीय रेलवे ने रेल डिजायन स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) से राय मांगी थी। आरडीएसओ ने भी हरी झंडी दे दी है। आधुनिक सिस्टम में डिजीटल वीडियो कैमरा और रिकॉर्डर होगा। ट्रेन ड्राइवर एवं सहायक ट्रेन ड्राइवर के नींद की झपकी लेने एवं ध्यान हटने पर सेंसर तुरंत अलर्ट करेगा। इससे कोई हादसा नहीं हो पाएगा। वीडियो रिकॉर्डर से ट्रेन ड्राइवर, गार्ड और स्टेशन मास्टर के बीच होने वाली बातचीत रिकार्ड होगी। इससे हादसा होने पर जांच में लापरवाही तुरंत सामने आ जाएगी। जिससे चलते तत्काल कार्रवाई हो सकेगी।
-लोको कंट्रोल रुम से होंगे कनेक्ट
लोको के सीसीटीवी कैमरे और सिस्टम को लोको कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया जाएगा। इससे ट्रेन की लोकेशन भी मालूम होगी। लोको पायलट की कंट्रोल रूम से निगरानी की जाएगी।
-हर लोको में छह कैमरे
आरडीएसओ ने हर लोको में छह सीसीटीवी कैमरे लगाने का सुझाव दिया था। इसलिए सभी रेल इंजन में छह-छह सीसीटीवी कैमरे और सिस्टम लगाया जाएगा। यह कैमरे कैब के अंदर और बाहर लगेंगे। इससे हर रेल इंजन पर मात्र 40 से 45 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च आएगा। यह रेलवे के लिहाज से काफी कम है। क्योंकि, एक रेल इंजन बनाने में 10 से 12 करोड़ रुपये तक खर्च होते हैं।
-वर्जन
लोको में सीसीटीवी कैमरे के साथ एलसीयूआर सिस्टम लगाया जाएगा। यह लोको पायलट को अलर्ट करेगा। लोको पायलट को हादसे से पहले अलर्ट भी करेगा। इज्जतनगर-गोंडा डीजल शेड में रेल इंजन को आधुनिक करने की कवायद शुरू हो गई है।
संजय यादव, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे