पंजाब स्कूल संघ का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा बोर्ड़ के चेयरमैन योगराज शर्मा से मिला, जानें क्या उठाई मांगें

महासचिव भुवनेश भट्ट ने करोना काल मे आर्थिक बदहाली से जूझ रहे एफिलिएटेड एवम एसोसिएटेड स्कूलों पर मंजूरशुदा संख्या से अधिक विद्यार्थी दाखिल करने पर जुर्माना 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का मुद्दा उठाया और जुर्माने में की गई पांच गुना बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 09:39 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 09:39 AM (IST)
पंजाब स्कूल संघ का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा बोर्ड़ के चेयरमैन योगराज शर्मा से मिला, जानें क्या उठाई मांगें
पंजाब स्कूल संघ का एक प्रतिनिधिमंडल चेयरमैन याेगराज शर्मा से मिला। (जागरण)

जासं, लुधियाना। पंजाब स्कूल संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधान जनार्दन भट्ट के नेतृत्व में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड़ के चेयरमैन प्रो. योगराज शर्मा से मिला। इस दाैरान भुवनेश भट्ट, राजेश नागर, कमलेश शर्मा ने दशकों से कार्यरत पांचवी आठवीं तक टेंपररी एफिलिएटेड स्कूलों को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत वन टाइम सेटलमेंट के तहत सीएलयू से छूट, कमरों के आकार में छूट और एसोसिएट स्कूलों की तरह न्यूनतम जगह की सीमा व्यवहारिक स्तर पर निर्धारित कर स्थायी मान्यता की मांग की।

इससे जहां इन स्कूलों में कार्यरत हजारों कर्मचारियों का रोजगार बचेगा, वहीं बोर्ड को 17 करोड़ से अधिक वन टाइम फंड और प्रतिवर्ष तीन करोड़ के करीब कॉन्टिनूशन फीस के रूप के आमदनी भी होगी। इस पर चेयरमैन  ने बताया कि पहले से चल रहे इन स्कूलों के बारे में जल्द ही वह अपने स्तर पर मंत्री से बातचीत करके इन्हें अधिकतम राहत दिलाने का प्रयत्न करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल संघ के महासचिव भुवनेश भट्ट ने करोना काल मे आर्थिक बदहाली से जूझ रहे एफिलिएटेड एवम एसोसिएटेड स्कूलों पर मंजूरशुदा संख्या से अधिक विद्यार्थी दाखिल करने पर जुर्माना 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का मुद्दा उठाया और जुर्माने में की गई पांच गुना बढ़ोतरी वापिस लेने की मांग की। जिससे सहमति जताते हुए चेयरमैन ने 2020 - 21 का जुर्माना पिछले साल के स्तर पर 1000 रुपये करने का आश्वासन दिया। साथ ही स्कूलों से साल 2021 - 22 में सेक्शनों की तय सीमा से अधिक विद्यार्थी दाखिल होने पर बोर्ड से अतिरिक्त सेक्शन की मंजूरी सुनिश्चित करने को कहा।

अतिरिक्त सेक्शन की मंजूरी दो साल के बजाए स्थायी रूप से देने की मांग करते हुए, भुवनेश भट्ट ने कहा कि पहली बार अडिशनल सेक्शन की मंजूरी लेते समय स्कूल दो अतिरिक्त कमरे, टीचर, लाइब्रेरी में अतिरिक्त किताबें, प्रयोगशाला में अतिरिक्त समान वृद्धि जैसी तमाम शर्तें पूरी करता है, वे सारी स्थाई प्रकृति की है। इनमें से कोई भी चीज दो साल में समाप्त नहीं होती। जहां तक टीचर का सवाल है तो उनकी गिनती हर स्कूल डिटेल सहित प्रतिवर्ष सालाना प्रगति रिपोर्ट के साथ बोर्ड को भेजता ही है।

फिर दो साल बाद 10000 रुपये फीस और कागजी प्रक्रिया दोबारा उचित नहीं है। यदि केवल फीस ही मुद्दा है तो बोर्ड स्कूल की कॉन्टिनूशन फीस में सेक्शनों की गिनती के अनुपात में वृद्धि कर ले, जिस पर चैयरमैन ने कहा कि बोर्ड़ छात्रों को गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, पर एक बार सुविधा जुटा लेने के बाद सेक्शन की स्थायी मान्यता दी जा सकती है, इस पर वह सम्बंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगकर जल्दी ही निर्णय लेंगे।

chat bot
आपका साथी