चंडीगढ़ कांग्रेस की बैठक में बुलाए जाने पर छाबड़ा का तंज, कहा- क्या कांग्रेस का लॉकडाउन खत्म हो गया

चंडीगढ़ कांग्रेस में घमासान जारी है। पार्टी के प्रदेश पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा वर्तमान अध्यक्ष सुभाष चावला और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल पर लगाता हमलावर हैं। ऐसे में उन्हें अब बैठक का न्योता भेजा गया तो उस पर भी छाबड़ा ने कई सवाल खड़े किए हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 12:34 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 12:34 PM (IST)
चंडीगढ़ कांग्रेस की बैठक में बुलाए जाने पर छाबड़ा का तंज, कहा- क्या कांग्रेस का लॉकडाउन खत्म हो गया
चंडीगढ़ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा। फाइल फोटो

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। चंडीगढ़ कांग्रेस में प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के बाद से ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने पवन बंसल और सुभाष चावला के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिए हैं। वह हर दिन सुबह ही प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं को वाट्सएप ग्रुप में पत्र शेयर कर रहे हैं। बुधवार को लिखे पत्र में छाबड़ा ने वीरवार को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में बुलाए जाने पर सवाल खड़ा किया है।

छाबड़ा ने कहा कि क्या उनका कांग्रेस में लॉकडाउन पीरियड खत्म हो गया है। बता दें कि जब से चावला अध्यक्ष बने हैं तब से छाबड़ा को बैठकों के लिए नहीं बुलाया जा रहा है। अब पहली बार उन्हें किसी बैठक में बुलाया गया है। इस पर भी छाबड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं। उनका कहना है कि बैठक के लिए मंगलवार को महासचिव का फोन आया था। क्या अध्यक्ष सुभाष चावला उन्हें फोन नहीं कर सकते थे। फोन करने को वह तौहीन समझते हैं। उनका अहम आड़े आ जाता है। छाबड़ा ने चावला को कहा कि याद करिए वो दिन जिस दिन आप ने एक महिला मेयर जो आज भाजपा में है। उसको पवन बंसल और पूर्व अध्यक्ष बीबी बहल की हाजिरी में कहा था कि वह पीएम के फोन करने पर भी मीटिंग में नहीं जाएंगे। चावला ने उस समय कहा था कि छाबड़ा उन्हें खुद फोन किया करें। छाबड़ा ने कहा कि जब वह अध्यक्ष थे तो उन्हें चावला ने हिदायत दी थी कि वह वाट्सएप मैसेज पर या सेक्रेटरी के कहने पर मीटिंग में नहीं आएंगे। छाबड़ा ने कहा कि वह छह साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। चावला को हर मीटिंग के लिए वह खुद फोन करते थे। यहां तक कि उन्हें घर से लाने के लिए वह खुद अपनी कार लेकर जाते थे। जबकि चावला समय सिर्फ पार्टी के वरिष्ठ नेता थे उनके पास कोई पद भी नहीं था। बावजूद वह चावला का सम्मान करते थे।

वीरवार को नई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। जिसमे पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल भी उपस्थित होंगे। ऐसे में छाबड़ा बैठक में शामिल होंगे या नहीं यह अभी तक तय नहीं है। अगर वह जाएंगे तो पार्टी कार्यालय में नया बवाल पैदा होने की संभावना है। जबकि छाबड़ा के करीबी यह भी कह रहे हैं कि वह नहीं जाएंगे। वहीं छाबड़ा के करीबी संदीप भारद्वाज ने पार्टी छोड़ दी है। चावला के करीबियों का कहना है कि छाबड़ा के सिर्फ एक ही करीबी को पार्टी में शामिल नहीं किया गया। दूसरा कोई नाम छाबड़ा के पास नहीं है, जिसकी वह प्रदेश कार्यकारिणी में पद न देने की बात कर रहे हैं।

पूर्व महासचिव संदीप भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि चंडीगढ़ कांग्रेस को पवन बंसल के एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चला रहे हैं। इसी कारण चंडीगढ़ में कांग्रेस साल 2014 से कोई भी चुनाव नहीं जीती है।

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