Akash Missile: तीन दिन में दूसरी बार आकाश एन जी का सफल परीक्षण, अत्याधुनिक साजो सामान से लैस है यह मिसाइल

Akash NG Missile Test ओडिशा के तट चांदीपुर के एल सी 3 से आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। पूरी तरह से गतिशील है और वाहनों के चलते काफिले की रक्षा करने में सक्षम ये मिसाइल 60 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने की ताकत रखती है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 02:31 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 02:31 PM (IST)
Akash Missile: तीन दिन में दूसरी बार आकाश एन जी का सफल परीक्षण, अत्याधुनिक साजो सामान से लैस है यह मिसाइल
आकाश एन जी का सफल परीक्षण किया गया

बालेश्वर, लावा पांडे। भारत ने आज यानी कि शुक्रवार को ओडिशा के तट चांदीपुर के एल सी 3 से आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। तीन दिनों के भीतर यह दूसरी बार भारत में इस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। सतह से हवा में मार करने वाली यह मिसाइल आकाश एनजी का चांदीपुर परीक्षण स्थल से दोपहर 12 बजे सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह मिसाइल भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई हमले से निपटने में प्रयोग की जाएगी।

इस मिसाइल को डीआरडीओ ने तैयार किया है। इस मिसाइल की लंबाई 560 सेंटीमीटर तथा चौड़ाई 35 सेंटीमीटर है। यह मिसाइल 60 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने की ताकत रखती है। आकाश मिसाइल पूरी तरह से गतिशील है और वाहनों के चलते काफिले की रक्षा करने में सक्षम है। इस मिसाइल का लॉन्च प्लेटफार्म को दोनों पहियों और ट्रक वाहनों के साथ एकीकृत किया गया है जबकि आकाश सिस्टम को मुख्य रूप से एक हवाई रक्षा (सतह से हवा) के रूप में बनाया गया है। इस मिसाइल को रक्षा भूमिका में भी टेस्ट किया जा चुका है।यह मिसाइल अत्याधुनिक साजो सामान से लैस है। आज इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ तथा अंतरिम परीक्षण परिषद आईटीआर से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था।

यहां उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी कई मिसाइलों के परीक्षण के दौरान हमने सूचित किया था कि भारतीय वैज्ञानिक और डीआरडीओ पूरी तरह से मिसाइलों के परीक्षण के लिए तैयार बैठे हैं। चाहे चांदीपुर का एल सी 1 एल सी 2 एल सी 3 या फिर अब्दुल कलाम द्वीप का एल सी 4 हो यहां से छोटे-छोटे रॉकेट समेत भारी भरकम मिसाइल चाहे क्रूज़ रेंज की मिसाइल हो या फिर बैलेस्टिक रेंज की मिसाइलों की परीक्षण की तैयारी हो चुकी है। किसी भी समय भारतीय वैज्ञानिक शान से इन मिसाइलों को हवा में उड़ाएंगे।

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