Agni Prime Missile Test: अग्नि सीरीज की सबसे अत्याधुनिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण, जानें क्‍या हैं खूबियां

Agni Prime Missile Tset ओडिशा के बालेश्‍वर में अग्नि प्राइम मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया गया है। यह मिसाइल 1000 से 1500 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखती है। अग्नि सीरीज की भारत में पांच मिसाइलों का सफलतापूर्वक विकास और परीक्षण किया जा चुका है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 28 Jun 2021 07:30 AM (IST) Updated:Mon, 28 Jun 2021 12:56 PM (IST)
Agni Prime Missile Test: अग्नि सीरीज की सबसे अत्याधुनिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण, जानें क्‍या हैं खूबियां
अग्नि प्राइम नाम की मिसाइल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है

बालेश्वर, लावा पांडे। भारत ने आज सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर ओडिशा के तट पर अग्नि श्रृंखला की एक नई मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस मिसाइल को विकसित किया है। अत्याधुनिक अग्नि प्राइम को 4000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि 4 तथा 5000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि 5 मिसाइल में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीकों को मिलाकर इस मिसाइल को बनाया गया है।

जानें मिसाइल की खूबियां 

यह मिसाइल 1000 से 1500 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखती है। 2 स्टेज और सॉलि़ड फ्यूल पर आधारित अग्नि प्राइम मिसाइल को एडवांस रिंग लेजर गैरोंस्कोप पर आधारित नेविगेशन सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाता है। इसका गाइडेड सिस्टम इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्यूटर से लैस है। सिंगल स्टेज वाले अग्नि 1 के विपरीत डबल स्टेज वाले अग्नि प्राइम को सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से दागा जा सकता है।

अग्नि प्राइम अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग के कारण यह कम वजन वाली मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता पहले वाले मिसाइलों से अधिक है। भारत ने 1989 में पहली बार मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि 1 का परीक्षण किया था। सूत्रों की मानें तो अग्नि 1 की जगह अब अग्नि प्राइम लेगा, अग्नि सीरीज की भारत में पांच मिसाइलों का सफलतापूर्वक विकास और परीक्षण किया जा चुका है।

भारत को मिसाइल क्षेत्र में मिली महारथ

आज इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिकों का दल मौजूद था। सूत्रों की मानें तो आने वाले चंद दिनों में भारत और कई ताकतवर मिसाइलों का परीक्षण कर सकता है। भारत मिसाइल के क्षेत्र में अब पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो चुका है। मिसाइल टेक्नोलॉजी या अन्य साजोसामान के लिए किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं है। मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत, भारतीय वैज्ञानिक स्वदेशी ज्ञान कौशल से निर्मित मिसाइलों का निर्माण, उनके कल पुर्जों का निर्माण उनके टेक्नोलॉजी का निर्माण खुद करने लगे हैं। आज के परीक्षण से भारत को मिसाइल क्षेत्र में मानो महारत हासिल हुई है।

 मिसाइल के क्षेत्र में भारत पूरे विश्व में मील का पत्थर

 इस परीक्षण को देखते हुए विश्व के कई देश नाराजगी जाहिर कर सकते हैं, लेकिन भारत अपनी ताकत अपनी क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से आज विश्व के मानचित्र पर अपना एक नया चेहरा उजागर कर चुका है। मिसाइलों का परीक्षण कर भारत इस क्षेत्र में आज पूरे विश्व में मानो मील का पत्थर साबित हो चुका है। अधिकांश मिसाइलें स्वदेशी ज्ञान कौशल से बने हुए हैं। 'मेक इन इंडिया' के तहत आज भारतीय वैज्ञानिक विदेशी पर निर्भर ना करके खुद अपने परिश्रम से अपने देश में अपना मिसाइल निर्माण करने में लगे हैं। इनमें से कई मिसाइलों की चाहत आज विश्व बाजार में हो चुकी है। विश्व के कई देश भारतीय मिसाइलों को खरीदने की चाह रखने लगे हैं।

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