Akash Missile: आकाश की नई पीढ़ी की मिसाइल का परीक्षण, जानें-खासियत

Akash Missile सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश एनजी (न्यू जनरेशन) का चांदीपुर परीक्षण स्थल से दोपहर 1245 पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस मिसाइल का भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई हमले से निपटने में प्रयोग किया जाएगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 06:58 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 08:33 PM (IST)
Akash Missile: आकाश की नई पीढ़ी की मिसाइल का परीक्षण, जानें-खासियत
डीआरडीओ ने न्यू जेनरेशन आकाश मिसाइल का किया सफल परीक्षण, जानें-खासियत। फाइल फोटो

बालेश्वर, लावा पांडे। भारत ने बुधवार को ओडिशा के तट चांदीपुर के एलसी तीन से आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश एनजी (न्यू जनरेशन) का चांदीपुर परीक्षण स्थल से दोपहर 12:45 पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस मिसाइल का भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई हमले से निपटने में प्रयोग किया जाएगा। इस मिसाइल को डीआरडीओ ने तैयार किया है। इस मिसाइल की लंबाई 560 सेंटीमीटर तथा चौड़ाई 35 सेंटीमीटर है। यह मिसाइल 60 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने की ताकत रखती है। आकाश मिसाइल पूरी तरह से गतिशील है और वाहनों के चलते काफिले की रक्षा करने में सक्षम है।

इस मिसाइल के लॉन्च प्लेटफार्म को दोनों पहियों और ट्रक वाहनों के साथ एकीकृत किया गया है, जबकि आकाश सिस्टम को मुख्य रूप से एक हवाई रक्षा (सतह से हवा) के रूप में बनाया गया है। इस मिसाइल को रक्षा भूमिका में भी टेस्ट किया जा चुका है। इस मिसाइल में कई अत्याधुनिक साजो सामान जोड़े गए हैं तथा अत्याधुनिक साजो सामान से यह मिसाइल लैस है। ऐसे में यदि यह कहा जाए तो असंभव नहीं होगा कि आज के समय की मांग को देखते हुए यह मिसाइल पूरी तरह सक्षम है। परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ तथा अंतरिम परीक्षण परिषद (आईटीआर) से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था।

उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी कई मिसाइलों के परीक्षण के दौरान हमने सूचित किया था कि भारतीय वैज्ञानिक और डीआरडीओ पूरी तरह से मिसाइलों के परीक्षण के लिए तैयार बैठे हैं। चाहे चांदीपुर का एलसी-1, एलसी-2 एलसी-3 या फिर अब्दुल कलाम द्वीप का एलसी-4 हो। यहां से छोटे-छोटे रॉकेट समेत भारी भरकम मिसाइल चाहे क्रूज़ रेंज की मिसाइल हो या फिर बैलेस्टिक रेंज की मिसाइल, परीक्षण की तैयारी हो चुकी है। किसी भी समय भारतीय वैज्ञानिक शान से इन मिसाइलों को हवा में उड़ाएंगे। 

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