नीम का तेल बड़ा गुणकारी, पढ़िए कितने सारे फायदे और खुद बनाएं औषधि

नीम का पेड़ छांव देता है तो आपको स्‍वस्‍थ भी रखता है। इसकी पत्तियों और गुठलियों से आसानी से औषधि बनाई जा सकती है।

By Ravi DhawanEdited By: Publish:Thu, 04 Oct 2018 12:32 PM (IST) Updated:Fri, 05 Oct 2018 09:17 AM (IST)
नीम का तेल बड़ा गुणकारी, पढ़िए कितने सारे फायदे और खुद बनाएं औषधि
नीम का तेल बड़ा गुणकारी, पढ़िए कितने सारे फायदे और खुद बनाएं औषधि

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। नीम कड़वी जरूर लगती है लेकिन ये हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद गुणकारी है। बड़े-बुजुर्ग यूं ही नहीं कहते थे कि घर में एक नीम का पेड़ होना चाहिए। उन्‍हें मालूम था कि ज्‍यादातर बीमारियों का इलाज नीम के पेड़ से बनने वाले औषधि से ही हो जाएगा। पर्यावरण भी स्‍वच्‍छ रहेगा। साफ ऑक्‍सीजन मिलेगी तो ज्‍यादा लंबा जिएंगे। आइये, आज पढ़ते हैं नीम की गुठलियों से बनने वाले तेल से होने वाले फायदों के बारे में। आप आसानी से तेल घर पर भी बना सकते हैं। 

नीम के तेल के ये हैं फायदे 

एंटी एजिंग में लाभकारी
त्‍वचा पर रिंकल होने और रुखी-सूखी हो जाने पर हम अक्‍सर मार्केट में क्रीम लेने के लिए भागते हैं। अगर आपके पास नीम का तेल है तो इसके लिए क्रीम की जरूरत नहीं पड़ेगी। नीम में एंटी ऑक्सिडेंट पाए जाते हैं। ये त्‍वचा को पर्यावरण प्रदूषण से बचाते हैं। नीम का तेल हमारी त्‍वचा में अवशोषित हो जाता है। हमारी स्किन की कोमलता को बढ़ाता है। झुर्रियों को दूर करने में मदद करता है। अच्‍छी बात ये है कि वृद्धावस्‍था के लक्षणों से लड़ने में मदद करता है।

मुंहासे हो जाएंगे फुर्र
मुंहासों का इलाज करना हो तो नीम के तेल का इस्‍तेमाल करें। यह तेल बैक्‍टीरिया को हटाकर मुंहासे क्‍लीन कर देता है। आपकी त्‍वचा को भी कोई  नुकसान नहीं होता। इसे फेस मास्‍क के रूप में इस्‍तेमाल कर सकते हैं। अगर आप किसी प्रदूषित जगह पर जा रहे हैं और नीम का तेल लगा रखा है तो चेहरे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

ड्राई त्‍वचा में करता है सुधार
तेल का एक फायदा ये भी है कि यह ड्राई त्‍वचा को ठीक करता है। नीम में विटामिन ई होता है, फैटी एसिड भी भरपूर होता है। एक्जिमा के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है। तेल में मौजूद विटामिन सूजन को दूर करने में मदद करते हैं।

फंगल संक्रमण में काम आता है
बाजार में मौजूद क्रीम की जगह पर अगर नीम का तेल इस्‍तेमाल करते हैं तो फंगल संक्रमण से जल्‍दी राहत मिलती है। दाद और नाखून में ये संक्रमण हो जाता है। नीम हमारे पास सबसे मजबूत एंटी फंगल एजेंट है। नीम के पत्तों में मौजूद विटामिन उन तत्‍वों को नष्‍ट कर देते हैं, जिनकी वजह से संक्रमण होता है।

रंग भी करता है साफ
नीम का स्‍वाद भले ही कड़वा हो लेकिन ये हमारी त्‍वचा को सुंदर बनाने में बेहद कारगर है। नियमित रूप से इसका इस्‍तेमाल करने से त्‍वचा में ताजगी आती है। लालिमा बढ़ती है। तभी तो पहले के जमाने में महिलाएं नीम के तेल का इस्‍तेमाल करने के लिए कहती थीं। आज की युवा पीढ़ी अब क्रीम की तरफ भाग रही है।

बाल होते हैं लंबे काले और मजबूत
आज के समय में महिलाओं की एक बड़ी शिकायत यह रहती है कि उनके बाल गिरते जा रहे हैं। सिर में कमजोरी आने लगती है। नीम का तेल बालों की इस बीमारी को दूर करने में बेहद कारगर है। इसके नियमित उपयोग करने से रूसी को बाय-बाय बोला जा सकता है। रूसी नहीं होगी तो बाल भी सेहतमंद रहेंगे। नीम शैम्‍पू से जहां खुजली की समस्‍या दूर होती है, वहीं बाल भी घने बनते हैं। बालों का पतलापन भी दूर हो जाता है। उलझे हुए बालों की मुसीबत दूर हो जाती है।

सिर की जूं का खात्‍मा
छोटे बच्‍चे हों या फि‍र युवा अवस्‍था, जुओं की समस्‍या से आमना-सामना हो ही जाता है। मां अगर जूं निकालने की कोशिश करती है तो चिढ़चिढ़े हो जाते हैं। नीम के तेल का इस्‍तेमाल करने से जुओं को अपने सिर से कुछ ही दिनों में बाहर भगा सकते हैं, वो भी बिना किसी दर्द और परेशानी के। अगर आप दवाई का इस्‍तेमाल करते हैं तो एलर्जी का खतरा रहता है लेकिन इस तेल से कोई साइड इफेक्‍ट नहीं पड़ता। एक काम करना है, रात को तेल लगाकर सो जाएं। सुबह बारीक कंघी से बालों को सीधा करें। इससे सभी जुएं नीचे गिर जाएंगी या बाहर आ जाएंगी।

मच्‍छरों से छुटकारा
अभी मौसम मच्‍छरों का है। हम क्‍या करते हैं कि बाजार से दवाइयां लाकर छिड़काव करते हैं या फि‍र कॉइल जलाते हैं। इसका खास असर भी नहीं होता। आप अगर नीम के तेल का इस्‍तेमाल करेंगे तो न केवल मच्‍छरों से छुटकारा मिलेगा बल्कि मच्‍छरों के प्रजनन पर भी रोक लगेगी। नीम के तेल को पानी में मिलाएं और घर में इसका जगह-जगह पर स्‍प्रे करें। जहां मच्‍छर होंगे वहां से तो ये भागेंगे ही, वहीं प्रजनन भी नहीं कर सकेंगे। लैंप के तेल में अगर नीम का तेल मिलाएंगे तो इसकी गंध से भी मच्‍छर भाग जाएंगे।

पौधों के लिए लाभदायक
घर में हमें अपने पौधों की भी चिंता रहती है। हर दूसरे सप्‍ताह माली को बुलाना पड़ता है। पौधा सूखने लगे तो उसे बाहर फेंकने की जल्‍दी रहती है। इस चिंता से मुक्‍त होना है तो नीम के तेल का इस्‍तेमाल करें। अपने पौधों पर दो दिन बाद इसका छिड़काव करें, इससे पौधों में ताजगी बनी रहेगी। कोई बीमारी भी नहीं लगेगी।

ठीक करता है घाव
शरीर पर लगे घाव को दूर करने के लिए इस तेल का इस्‍तेमाल करना फायदेमंद रहेगा। एक और पांच के अनुपात में नीम के तेल और वेसलीन को मिक्‍स करें। इसे घाव या कट पर लगाएंगे तो जल्‍दी आराम मिलने लगेगा। मधुमेह, गठिया और पाचन जैसी समस्‍याओं को दूर किया जा सकता है। दवाएं बनाने में नीम के तेल का इस्‍तेमाल होता है।

इस तरह बना सकते हैं नीम का तेल
1- नीम के पेड़ से इसके पके हुए फल को तोड़ लें
2- इसे धूप में चार से पांच दिन तक रखें। इसकी गुठलियां निकाल लें।
3- इन गुठलियों को ग्राइंडर में अच्‍छी से पीस लें, जिससे एक पेस्‍ट बन जाएगा।
4- इस पेस्‍ट को निचोड़ेंगे तो तेल निकलना शुरू हो जाएगा। यही तेल आपकी समस्‍याओं को दूर करने में काम आएगा।
5-  इसका इस्‍तेमाल करने से पहले गरम कर लें। इसे ठंडा होने दें। एक किलो गुठलियों से 100 ग्राम तेल मिल जाएगा। 

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