Maharashtra: 11 बार विधायक रहे गणपतराव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

Maharashtra महाराष्ट्र में गणपतराव अन्नासाहेब देशमुख का शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ सांगोला में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बीमारी के बाद 95 वर्षीय देशमुख ने एक निजी अस्पताल में शुक्रवार को अंतिम सांस ली।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:51 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:51 PM (IST)
Maharashtra: 11 बार विधायक रहे गणपतराव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
11 बार विधायक रहे गणपतराव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार। फाइल फोटो

सोलापुर (महाराष्ट्र), आइएएनएस। लंबे समय तक विधायक रहे किसान कामगार पार्टी के वरिष्ठ नेता गणपतराव अन्नासाहेब देशमुख का शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ सांगोला में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बीमारी के बाद 95 वर्षीय देशमुख ने एक निजी अस्पताल में शुक्रवार को अंतिम सांस ली। शनिवार सुबह उनका पार्थिव शरीर सोलापुर से सांगोला लाया गया। हजारों की संख्या में सड़कों पर उमड़ आए किसान और मजदूरों ने गणपतराव देशमुख अमर रहे के नारे लगाए। सांगोला में तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर पर सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजलि दी। कई लोगों ने हाथ जोड़े हुए उनके अंतिम दर्शन किए। सादगी और विनम्रता के प्रतीक माने जाने वाले देशमुख महाराष्ट्र विधानसभा में सांगोला सीट से 1962 से 11 बार चुने गए।

किसान कामगार पार्टी प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे देशमुख ने दूसरी पार्टी को आघात भी नहीं पहुंचाया। सात दशक लंबे अपने राजनीतिक जीवन में उन्हें दो बार पराजय का सामना करना पड़ा। पहली बार 1972 और दूसरी बार 1995 में वह पराजित हुए। दूसरी बार वह अपने पोते से पराजित हुए, लेकिन अंतर मात्र 190 मतों का ही रहा। 2014 में वह भाजपा लहर में भी आसानी से चुनाव जीत गए थे। वह 1978 में शरद पवार के मुख्यमंत्रित्व काल में कुछ समय के लिए मंत्री भी रहे।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व अब नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते महाराष्ट्र सरकार ने कभी एनएसओ की सेवाएं नहीं लीं। फडणवीस ने यह बात प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत द्वारा पूछे गए कुछ सवालों के जवाब में यह बात कही। फडणवीस ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में महाराष्ट्र सरकार ने एनएसओ की कोई सेवा नहीं ली। फडणवीस के अनुसार, राज्य सरकार के प्रचार विभाग (डीजीआईपीआर) की एक टीम 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद व नई सरकार बनने से पहले इजरायल गई जरूर थी, लेकिन यह टूर कृषि विकास के उद्देश्य से हुआ था।

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