हिमाचल प्रदेश में 50 फीसद बसें भी नहीं चल रहीं, 6600 के करीब हैं सरकारी और निजी बसें, पढ़ें खबर
Himachal Pradesh Bus Service हिमाचल प्रदेश में 50 फीसद भी बसें नहीं चल रही हैं। निजी बसें तो कुल संख्या की एक तिहाई भी नहीं चल पा रहीं। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की दो हजार बसें चलाई जा रही हैं। इसमें पहले की तुलना में काफी इजाफा हुआ है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Pradesh Bus Service, हिमाचल प्रदेश में 50 फीसद भी बसें नहीं चल रही हैं। निजी बसें तो कुल संख्या की एक तिहाई भी नहीं चल पा रहीं। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की दो हजार बसें चलाई जा रही हैं। इसमें पहले की तुलना में काफी इजाफा हुआ है। पिछले 15 दिन में 500 बसें और चलाई गई हैं, लेकिन निजी बस आपरेटर सरकार के निर्देशों की पालना नहीं कर रहे हैं। ये मनमर्जी के रूटों पर ही बस सेवा दे रहे हैं। प्रदेशभर में केवल 800 से 1000 निजी बसें ही सेवा दे रही हैं, जबकि सरकारी और निजी बसों की संख्या 6600 है। रविवार को तो सरकारी और निजी बसें इससे भी आधी चलती हैं।
निजी बस आपरेटर संघ ने सरकार की वर्किंग कैपिटल स्कीम पर सवाल उठाए हैं। संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि सरकार ने जून में इस स्कीम को शुरू करने का फैसला लिया, लेेकिन यह धरातल पर नहीं उतर पाई है। उन्होंने कहा कि अब बैंक सिक्योरिटी मांग रहे हैं। अगर इसके लिए भी बैंक के पास बसें, जायदाद गिरवी रखनी पड़े तो तब इस स्कीम का कोई मकसद नहीं रह जाता है। सरकार ने प्रति बस दो लाख रुपये वर्किंग कैपिटल देने की घोषणा की थी। पराशर ने कहा कि 50 की जगह टैक्स में सौ फीसद की छूट देने का मामला भी अभी सुलझा नहीं है। उन्होंने माना कि अभी राज्य में 800 से 1000 बसें ही रोजाना चलाई जा रही हैं।
कितने फीसद आक्युपेंसी
हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में 40 से 45 फीसद आक्युपेंसी आ रही रही है। हालांकि सरकार ने कुल क्षमता की 50 फीसद सवारियां बैठाने की अनुमति दी है। 14 जून से बस सेवाएं बहाल की थीं। लेकिन इस शर्त की कहीं भी पालना नहीं हो रही है। निजी बसें में तो इनकी पालना बिल्कुल भी नहीं हो रही है। इसकी वजह यह भी है कि लोगों को पर्याप्त मात्रा में बस सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
क्या कहते हैं एचआरटीसी के महाप्रबंधक
हिमाचल पथ परिवहन निगम के महाप्रबंधक पंकज सिंघल का कनहा है निगम की हर रोज दो हजार बसें चल रही हैं। निगम लोगों को बेहतर परिवहन सेवा देने के प्रयास कर रहा है। आक्युपेंसी 40 से 45 फीसद तक आ रही है।