ज्वालामुखी शहर में नालों पर लोगों के अतिक्रमण की वजह से खतरा बढ़ा, विधायक ने किया लोगों को आगाह

Jawalamukhi City Encroachment हिमाचल प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने कहा ज्वालामुखी शहर में लोगों ने नालों पर अतिक्रमण कर शहर के लिए खतरा बढ़ा दिया है। नालों पर अतिक्रमण होने की वजह से नालों का पानी सड़कों पर आ रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 01:59 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:59 PM (IST)
ज्वालामुखी शहर में नालों पर लोगों के अतिक्रमण की वजह से खतरा बढ़ा, विधायक ने किया लोगों को आगाह
हिमाचल प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला

ज्वालामुखी, संवाद सहयोगी। Jawalamukhi City Encroachment, हिमाचल प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने कहा ज्वालामुखी शहर में लोगों ने नालों पर अतिक्रमण कर शहर के लिए खतरा बढ़ा दिया है। नालों पर अतिक्रमण होने की वजह से नालों का पानी सड़कों पर आ रहा है। लोगों ने नालों में कूड़ा कचरा और अपने मकानों का मलबा फेंककर नालों को पूरी तरह से मलबे से भर दिया है। चिंतनीय बात यह है कि विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्रीज्वालामुखी मंदिर का कूड़ा कचरा भी कहीं व्यवस्थित तरीके से ठिकाने लगाने की वजाय नालों में फेंका जा रहा है, जिसका नगर परिषद ज्वालामुखी ने कड़ा संज्ञान लिया है। मंदिर न्यास ज्वालामुखी को या तो नगर परिषद के हवाले मंदिर परिसर के कूड़े कचरे को करना चाहिए या अपना मंदिर न्यास का अलग से कूड़ा कचरा संयंत्र लगाकर कूड़े को व्यवस्थित तरीके से ठिकाने लगाने की योजना बनानी चाहिए, ताकि शहर के नालों को मलबे से भरने से बचाया जा सके।

उन्होंने कहा कि शहर के सभी लोग नालों में अपना कूड़ा कचरा फेंक रहे हैं। यही कारण है कि ज्वालामुखी में जब भी बरसात आती है तो नालों का पानी उफान मारने लगता है और सड़कों पर आकर तबाही मचाता है जिस वजह से शहर में दुकानों में घरों में व अन्य संस्थानों में पानी घुस जाता है और लाखों रुपये का नुकसान हर साल लोगों को उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी शहर में जितने भी नाले हैं उन पर हुए अतिक्रमण को हटाया जाना चाहिए, ताकि नालो का पानी बाहर ना निकले।

उन्होंने कहा हर साल बरसात के दिनों में ज्वालामुखी में मुख्य मंदिर मार्ग पर भूस्खलन होता है। वही शहर के नाले उफान मारने लगते हैं, क्योंकि लोगों की सरकारी भूमि को हथियाने की भूख इस कदर बढ़ गई है कि लोगों ने नाले ही बंद कर दिए हैं। अब नालों का पानी तो नालों से ही होकर निकलेगा लोगों ने अपने मकान नालों में बढ़ा दिए हैं। यही वजह है कि शहर के सभी नाले सिकुड़ गए हैं और बरसात का पानी सड़कों पर आकर तबाही मचा रहा है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि ऐसी मानसिकता को बदल दें वरना अपने ही हाथों से अपने लिए संकट पैदा कर रहे हैं।

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