Tokyo Olympics 2020: एशियन चैंपियनशिप में चीन के जिस पहलवान से हारे थे दीपक पूनिया, अब उसी को किया चित
धमाकेदार जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में पहुंचे झज्जर के गांव छारा के पहलवान दीपक पूनिया ने चीन के पहलवान को हराकर एशिया चैंपियनशिप का भी बदला ले लिया। दूसरे मुकाबले में दीपक ने चीन के पहलवान लिन जुशेन को हराया।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : टोक्यो ओलंपिक में अपने दोनों मुकाबलों में धमाकेदार जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में पहुंचे झज्जर के गांव छारा के पहलवान दीपक पूनिया ने चीन के पहलवान को हराकर एशिया चैंपियनशिप का भी बदला ले लिया। दूसरे मुकाबले में दीपक ने चीन के पहलवान लिन जुशेन को हराया। यह वही पहलवान है। जिससे एशिया चैंपियनशिप में दीपक हार गए थे। हालांकि दीपक के पहले कोच वीरेंद्र आर्य मानते हैं कि उस मुकाबले में दीपक की हार नहीं होनी थी, लेकिन धोखे में दीपक के साथ ऐसा हुआ था।
खैर अब उस हार का मलाल भी दूर हो गया है। उस हार का बदला अब पूरा हो गया। ओलंपिक में चीन के उसी पहलवान को हराकर दीपक ने यह भी साबित कर दिया कि वह तब भी श्रेष्ठ था और अब भी। इधर, दीपक की जीत से उनके पिता सुभाष भी फूले नहीं समाए। गांव के सरपंच के घर टीवी पर उन्होंने दीपक के मुकाबले देखे। उधर, जीत हुई और इधर बधाई के लिए फोन बजने लगा। दीपक के पिता कहते हैं कि मंगलवार की रात को वीडियो काल पर दीपक से बात हुई थी। वह काफी खुश था और बड़े उत्साह के साथ यह बात कही थी कि... पापा निश्चिंत रहो, मेडल लेकर आऊंगा।
सुबह अखाड़े में हुई दुआएं, कोच ने किया था हवन
दीपक ने अपने गांव छारा के लाला दीवानचंद अखाड़े से कुश्ती का सफर शुरू किया था। बुधवार सुबह इसी अखाड़े में दीपक की जीत के लिए सभी पहलवानों ने मिलकर दुआ की थी। कोच वीरेंद्र आर्य ने भी पूरे परिवार के साथ हवन यज्ञ किया था। दीपक की मेहनत और इधर से दुआ का असर यह रहा कि दीपक का आगाज शानदार हुआ। पूरे गांव को दीपक से पदक की उम्मीद ही नहीं बल्कि विश्वास भी है। दीपक ने पांच साल की उम्र में ही पहलवानी शुरू कर दी थी और पिता अपने हिस्से का दूध भी दीपक को पिला दिया करते थे।