DG Vanzara: गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक डीजी वंजारा बनाएंगे गुरु वंदन मंच

Gujarat गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक डीजी वंजारा ने गांधीनगर में कहा कि उनके लिए देश व धर्म सर्वोपरि है तथा वह उसके लिए समर्पित हैं। वंजारा पहली बार सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में चर्चा में आए और सोहराबुद्दीन व तुलसी प्रजापति के एनकाउंटर मामले में गिरफ्तार हुए थे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 06:48 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 09:21 PM (IST)
DG Vanzara: गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक डीजी वंजारा बनाएंगे गुरु वंदन मंच
गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक डीजी वंजारा बनाएंगे गुरु वंदन मंच। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक डीजी वंजारा गुरु वंदन मंच के जरिए गुजरात की सियासत के साथ ताल से ताल मिलाएंगे। राज्य में सत्ता के साथ धर्म सत्ता की स्थापना के उद्देश्य से इस मंच का गठन होगा। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में कई साल जेल में रहे भारतीय पुलिस सेवा के विवादास्पद अधिकारी व गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक डीजी वंजारा ने गुरु वंदन मंच बनाने का एलान किया है। राज्य सत्ता के साथ-साथ प्रदेश में धर्म सत्ता की स्थापना के उद्देश्य से वंजारा गुरु वंदन मंच के प्रदेश संगठन की सितंबर 2021 में घोषणा करेंगे। बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे के बाद एक और पूर्व पुलिस महानिदेशक धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर हैं। वंजारा ने कहा कि देश व प्रदेश के हित को देखते हुए गुरु वंदन मंच राज्य सत्ता के साथ धर्म सत्ता की स्थापना करेगा।

गुजरात में सितंबर में गुरु वंदन मंच की कार्यकारिणी की घोषणा होगी। इसका पहला सम्मेलन गुरुवार को गांधीनगर में बुलाया गया है, जिसमें प्रदेश के कई नामी संत व महात्मा शामिल होंगे। गुरु वंदन मंच धार्मिक व आध्यात्मिक विचारों के लोगों को राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच प्रदान करेगा, जो राज्य सत्ता के साथ कदम से कदम मिलाकर देश में धर्म सत्ता की स्थापना व जनकल्याण के काम करेगा। वंजारा ने गांधीनगर में कहा कि उनके लिए देश व धर्म सर्वोपरि है तथा वह उसके लिए समर्पित हैं। वंजारा पहली बार सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में चर्चा में आए और सोहराबुद्दीन व तुलसी प्रजापति के एनकाउंटर मामले में गिरफ्तार हुए थे। करीब सात साल तक जेल में रहने के बाद वंजारा जमानत पर रिहा हुए तथा बाद में मुंबई की सीबीआइ कोर्ट ने उनको एनकाउंटर के आरोप से मुक्त भी कर दिया। वंजारा और भी कई मामलों में आरोपित रहे हैं, जिनमें से कुछ अभी अदालत में लंबित हैं।

गौरतलब है कि बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे भी कुछ समय से कथा वाचन करते हुए अध्यापकों के मार्ग को अपना चुके हैं। बिहार के विधानसभा चुनाव में वे जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर राजनीति में अपना भाग्य आजमाना चाहते थे, लेकिन राजनीतिक समीकरण के चलते उनका टिकट कट गया और वे पुलिस प्रशासन से सेवानिवृत्त होकर राजनीति में जाने के बजाय अध्यात्म की ओर मुड़ गए। इससे पहले उत्तर प्रदेश का एक पूर्व पुलिस अधिकारी डीके पांडा भी खुद को मीरा घोषित कर अध्यात्म के रंग में रंग गया था।

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