बिहार नहीं हरियाणा के छपरा के लोगों ने कर दिया कमाल, स्टोरी पढ़कर आप भी करेंगे तारीफ

कथूरा विकास खंड के अंतर्गत आने वाले इस गांव में 18 साल से अधिक के 1622 लोग रहते हैं और सभी को वैक्सीन लग गई है। स्वास्थ्य विभाग ने छह दिन तक गांव में वैक्सीनेशन अभियान चलाया और ग्रामीणों को जागरूक करते हुए टीके लगाए।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:37 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 12:34 PM (IST)
बिहार नहीं हरियाणा के छपरा के लोगों ने कर दिया कमाल, स्टोरी पढ़कर आप भी करेंगे तारीफ
बिहार नहीं हरियाणा के छपरा के लोगों ने कर दिया कमाल, स्टोरी पढ़कर आप भी करेंगे तारीफ

नई दिल्ली/सोनीपत। बिहार का छपरा जिला नहीं, बल्कि हरियाणा का छपरा गांव इन दिनों खूब चर्चा में हैं। दरअसल, एक ओर लोग जहां शहरों में कोरोना रोधी वैक्सीन की कमी देखी जा रही है तो ग्रामीण इलाकों में लोग इस लगवाने में आनाकानी कर रहे हैं। इस बीच दिल्ली से सटे हरियाणा राज्य से सुखद खबर आई है। दिल्ली से सटे सोनीपत जिले का छपरा गांव शुक्रवार को जिले का ऐसा पहला गांव बन गया है, जिसमें शत प्रतिशत ग्रामीणों को कोरोनारोधी वैक्सीन लग गई। कथूरा विकास खंड के अंतर्गत आने वाले इस गांव में 18 साल से अधिक के 1,622 लोग रहते हैं और सभी को वैक्सीन लग गई है। स्वास्थ्य विभाग ने 6 दिन तक गांव में वैक्सीनेशन अभियान चलाया और ग्रामीणों को जागरूक करते हुए टीके लगाए। नागरिक अस्पताल गोहाना के एसएमओ डॉ. कर्मवीर ने अभियान में लगे चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को बधाई दी और ग्रामीणों का आभार जताया। बता दें कि बिहार में छपरा नाम का जिला है, जबकि हरियाणा के सोनीपत में छपरा नाम का गांव है। लोग इस गांव की इस उपलब्धि को इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इस दौरान खासतौर पर बता रहे हैं कि यह बिहार का छपरा जिला नहीं, बल्कि हरियाणा का छपरा गांव है। माना जा रहा है कि छपरा के ग्रामीणों से अन्य लोग भी प्रेरणा लेंगे।

वैक्सीन के प्रति बढ़ी जागरूकता

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी 18 जुलाई को गांव छपरा गए थे और ग्रामीणों को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करना शुरू किया था। एसएमओ डॉ. कर्मवीर और वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी डा. चक्रवर्ती शर्मा ने ग्रामीणों की भ्रांतियों दूर कर उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित किया था। अधिकारियों ने ग्रामीणों को इकट्ठा किया था और सबके सामने 10 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी। ग्रामीणों को समझाया गया था कि वैक्सीन लगाने से कोरोना संक्रमण से बचाव रहता है। अगर किसी व्यक्ति ने वैक्सीन लगवा रखी है और वह कोरोना संक्रमित हो जाता है तो उसकी मौत होने की आशंका बहुत कम होती है। ग्रामीणों ने अधिकारियों की बातों पर विश्वास किया और वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आए।

स्वास्थ्य कर्मचारियों ने 19, 20 व 21 जुलाई को गांव में वैक्सीनेशन के लिए शिविर लगाए। बृहस्पतिवार और शुक्रवार को सघन अभियान चलाकर स्वास्थ्य कर्मचारी घर-घर गए और ग्रामीणों को वैक्सीन लगाई। शुक्रवार को बच्चे हुए ग्रामीणों को वैक्सीन लगाई गई। छपरा गांव जिले का पहला ऐसा गांव बन गया है, जिसमें सभी ग्रामीणों को वैक्सीन लग गई। वैक्सीनेशन करने वाली टीम में डॉ. चक्रवर्ती शर्मा, डॉ. अनिल चहल के साथ सुमित्र, सरल, वीरेंद्र, रानी, सुनीता, कमलेश, रीना, अशोक कुमार, उषा, योगेंद्र, मनोज कुमार, अमन, ज्योति, निर्मला और कांता शामिल रहे। ग्रामीणों को जागरूक करने में वाई फॉर डी फाउंडेशन के अध्यक्ष कुलदीप कौशिक और उनकी टीम का सहयोग रहा। नोडल अधिकारी डॉ. चक्रवर्ती शर्मा के अनुसार जल्द दूसरे गांव को भी शत प्रतिशत वैक्सीनेट करने का अभियान छेड़ा जाएगा।

गौरतलब है कि जागरूकता के अभाव में ग्रामीण इलाकों में लोग कोरोना रोधी टीका नहीं लगवा रहे हैं। कुछ महीने पहले यूपी के बाराबंकी जिले में तो एक गांव के सभी लोग कोरोना का टीका लगवाने से बचने के लिए नदी में कूद गए। 

कोरोना का एक संक्रमित मिला, एक मरीज हुआ स्वस्थ

सोनीपत जिले में शुक्रवार को एक और कोरोना संक्रमित मिला है जबकि एक मरीज ठीक भी हुआ है। जिले में अब तक 47,445 संक्रमित मिल चुके हैं जिनमें से 47,181 ठीक हो चुके हैं। हालांकि, 254 की मौत भी हो गई, जबकि अभी 10 एक्टिव केस हैं। उनमें से आठ मरीज होम आइसोलेशन में हैं। जिले में शुक्रवार को 1,342 की रिपोर्ट आई जिसमें से एक कोरोना संक्रमित मिला है। यह कुल जांच का 0.08 फीसद है। जुलाई में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से घटे हैं। जब कोरोना चरम पर था तो कोरोना संक्रमण की दर 50 फीसद तक पहुंच गई थी। अब जुलाई में छह बार ऐसा भी हो चुका है। एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला। वहीं, राहत की बात यह है कि जुलाई में कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है। कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है। जिले के अस्पतालों में 550 बेड, 350 आक्सीजन बेड, 50 आइसीयू व 50 वेंटीलेटर बेड की व्यवस्था है।

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