दिल्ली में निगम चुनाव से पहले पार्षद ने की मोहम्मदपुर गांव का नाम बदलने की मांग, दिए ये तर्क
मुनिरका वार्ड के पार्षद भगत सिंह टोकस ने अपने प्रस्ताव में कहा कि मुगलकाल में मुगल शासकों ने दिल्ली के ज्यादातर गांवों के नाम जबरन अपने हिसाब से बदल दिए थे। उन्होंने कहा कि मोहम्मदपुर गांव रामकृष्ण पुरम (आरके पुरम) विधानसभा क्षेत्र में है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। :दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के साउथ जोन में शुक्रवार को मुनिरका वार्ड के तहत आने वाले मोहम्मदपुर गांव का नाम बदलकर माधवपुरम करने का प्रस्ताव रखा गया। मुनिरका वार्ड के पार्षद भगत सिंह टोकस ने अपने प्रस्ताव में कहा कि मुगलकाल में मुगल शासकों ने दिल्ली के ज्यादातर गांवों के नाम जबरन अपने हिसाब से बदल दिए थे। उन्होंने कहा कि मोहम्मदपुर गांव रामकृष्ण पुरम (आरके पुरम) विधानसभा क्षेत्र में है। इस गांव के लोग लंबे समय से इसका नाम माधवपुरम रख चुके हैं। इस गांव के लोग कहीं भी जाते हैं तो अपना परिचय माधवपुरम निवासी के रूप में देते हैं, लेकिन सरकारी दस्तावेज में हमें मोहम्मदपुर ही लिखना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि शहरीकृत गांव होने के कारण निगम के पास इसका नाम बदलने का अधिकार है। एक बार आधिकारिक रूप से गांव का नाम माधवपुरम हो जाए तो हम दस्तावेजों में भी इसे लिख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि गांव के लोग लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं। यह मांग लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। भगत सिंह टोकस ने कहा कि जल्द ही प्रस्ताव को निगम की नेमिंग कमेटी में जाएगा। उम्मीद है कि नेमिंग कमेटी के चेयरमैन यानी महापौर गांव के लोगों की लंबी समय से चली आ रही मांग को पूरा करेंगे।
महापौर ने ली उच्चस्तरीय बैठक
वहीं, उत्तरी दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने उच्च अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने राजस्व परियोजनाओं को जल्द लागू करने के साथ सफाई कर्मचारियों के नियमितीकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के जागरूकता अभियान को तेज करने के लिए कहा।
अधिकारियों को निगम की सभी राजस्व परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सेवाओं को मजबूत करने के लिए और अधिक राजस्व के संसाधनों की आवश्यकता है।