Kisan Andolan: सड़क पर चली 'किसान संसद' में घिरे 'कृषि मंत्री' तो दे दिया इस्तीफा, पढ़िये- क्या है पूरा मामला
Kisan Andolan दूसरे दिन किसान संसद के दौरान प्रदर्शनकारी कांग्रेस से सख्त नाराज नजर आए। उन्होंने इन कांग्रेस सांसदों द्वारा संसद में जारी प्रदर्शन छोड़कर चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की ताजपोशी में शामिल होने पर नाराजगी जताते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों ने दूसरे दिन भी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते हुए संसद की तरह कार्यवाही चलाई। शुक्रवार को 200 किसान प्रतिनिधियों की संसद में जमकर हंगामा हुआ। सरकार के पैरोकार के तौर पर बतौर कृषि मंत्री चुने गए किसान नेता रवनीत सिंह बराड़ विपक्ष के सवालों से घिरे रहे। जवाब देने में नाकाम रहने पर आखिर में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उधर, लगातार दूसरे दिन किसान संसद में मंडी कानून पर चर्चा जारी रही। इस दौरान किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार के कानून को सिरे से खारिज कर दिया। बता दें कि किसानों ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के बयानों की भी आलोचना की है। त्रों में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी छह सदस्यों को सौंपी गई थी।
वहीं, दूसरे दिन किसान संसद के दौरान प्रदर्शनकारी कांग्रेस से सख्त नाराज नजर आए। उन्होंने इन कांग्रेस सांसदों द्वारा संसद में जारी प्रदर्शन छोड़कर चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की ताजपोशी में शामिल होने पर नाराजगी जताते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया। संसद की तरह कार्यवाही चलाने के लिए शुक्रवार को छह मंडलीय दल में हरदेव हर्षी, जगतार सिंह बाजवा, वी.वेंकटरमैया, मुकेश कुमार, जगवीर सिंह और हरपाल बिलारी को स्पीकर व डिप्टी स्पीकर बनाया गया।
जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि पहले दिन शुरू हुई कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) कानून पर बहस दूसरे दिन भी जारी रही। चर्चा के बाद इस कानून को रद करने का प्रस्ताव पारित हुआ। शुक्रवार को एक प्रदर्शनकारी रवनीत बराड़ को कृषि मंत्री बनाया गया था, जिन्होंने प्रश्नकाल में लोगों के सवालों के जवाब न दे पाने पर इस्तीफा दे दिया। वेंकटरमैया ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर ऐसा कानून बनाया जाए कि इससे नीचे कोई भी फसल की खरीद करे तो यह अपराध माना जाए। शुक्रवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन के लिए वाटरप्रूफ टेंट लगा दिए गए थे।चार बसों व कुछ कारों में सवार होकर 200 किसान सुबह 11 बजे सिंघु बार्डर से जंतर मंतर पहुंचे। यहां शाम पांच बजे विरोध प्रदर्शन खत्म होने के बाद किसानों को पुन: कड़ी सुरक्षा घेरे में सिंघु बार्डर पहुंचा दिया गया। दूसरे दिन भी प्रदर्शनकारी मास्क और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन भी नहीं कर रहे थे।
रही कड़ी सुरक्षा
कृषि कानून के विरोध में शुक्रवार को किसानों द्वारा जंतर मंतर पर आयोजित किसान संसद व विरोध प्रदर्शन पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण रहा। शुक्रवार को भी नई दिल्ली जिले में सुरक्षा के मद्देनजर जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई थी।
वाहनों को छोड़कर मेट्रो से सफर करने को मजबूर लोग
जंतर मंतर पर संसद लगाने के लिए आए प्रदर्शनकारियों के कारण दिल्ली में आने वाले लोग डर रहे हैं। उन्हें उपद्रव से लेकर दिल्ली के भीषण जाम का डर सता रहा है। इसके कारण लोग निजी वाहनों को छोड़कर मेट्रो व अन्य माध्यम से सफर कर रहे हैं। इसके कारण मेट्रो में भीड़ बढ़ गई है, जिसके कारण स्टेशन के बाहर लोगों को लंबी कतार में लगना पड़ रहा है।