मौत को चकमा दे गई चार सहेलियां
चारों लड़कियों को मंडी में प्राथमिक उपचार के बाद इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शिमला रेफर कर दिया गया।
मंडी, जागरण संवाददाता। जिस पहाड़ ने कई मासूम लोगों को निगल गया। वहीं कुछ ऐसे भी थे जो मौत का ग्रास नहीं बन सके। मंडी के कोटरूपी पहाड़ी खिसकने की घटना में चार लड़कियों ने मौत को चकमा दे दिया।
चारों लड़कियों को मंडी में प्राथमिक उपचार के बाद इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शिमला रेफर कर दिया गया। इनमें सुचित्रा,अनीता, मंजू और ब्यूटी शामिल हैं। अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि हम अनीता के घर में पूजा के लिए जा रहे थे। ये शिमला के निजी नर्र्सिंग संस्थान में हम पढ़ती हैं। जब रात को बस रुकी थी, तो उस समय पत्थर गिर रहे थे। ड्राइवर ने हमें कहा है कि कोई भी बस से बाहर न रहे, सब बस के अंदर आओ। हम बस के पिछली तरफ खड़ी हुई थी। ड्राइवर ने हमें देखकर दोबारा अंदर बैठने के लिए कहा। हम चारों बाते करते हुए बस में बैठ गईं। अभी बस में बैठे हुए कुछ ही मिनट हुए थे कि अचानक पेड़ों के गिरने की अवाजें आने लगीं। हमारी बस का अधिकांश हिस्सा मलबे की चपेट में आ गया।
अकेली अनीता के पास मोबाइल फोन था, बाकि हम तीनों के मोबाइल फोन बैग के अंदर पड़े थे। बस में चीखें ही सुनाई दे रही थी। लेकिन हम चारों एक-दूसरे से बिलकुल चिपके हुए थे।
हालांकि बस में लोहे के एंगल हमारे ऊपर आ गए। हम बस यही दुआ कर रहे थे कि जैसे भी हमें भगवान बचा ले। अनीता ने बड़ी मुश्किल से अपना मोबाइल जेब से निकाला और तुरंत 100 नंबर पर कॉल करके हादसे की सूचना दी। करीब डेढ़ घंटे बाद एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई थी। जब हमें निकाला गया तब जाकर हमें सांस आई। रात के अंधेरे में कुछ पता नहीं चल रहा था।
....और पिंकू ने बचा लिया परिवार
कोटरोपी गांव का पिंकू घटना से दस मिनट पहले शौच के लिए नहीं उठता तो यहां हादसे का मंजर
और होतार्। ंपकू पुत्र दुनी चंद घटना से करीब दस मिनट पहले शौच करने के लिए उठा था, इस दौरान उसने देखा कि पहाड़ी से मलबा गिरने की जोर से आवाज आ रही थी। उसने बिना समय गंवाए माता-पिता, चाचा मान चंद, ज्ञान चंद और अन्य सदस्यों को जगाया। पूरा परिवार आनन फानन में घर से बाहर निकल कर कोटरोपी-चुक्कू संपर्क सड़क में खड़ा हो गया। सड़क में पहुंचते ही दुनी चंद का चार मंजिला रिहायशी मकान मलबे की भेंट चढ़ गया। घटना में बेघर हुए चार परिवार पूरी तरह टूट गए हैं। इनके पास तन पर
पहने कपड़ों के सिवाय कुछ भी नहीं रहा है। प्रशासन ने बेघर परिवारों के रहने और खाने पीने की व्यवस्था सामुदायिक भवन पद्धर में की है। लेकिन सभी प्रभावित रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। पंचायत प्रधान रेखा देवी ने सरकार और प्रशासन से प्रभावितों की पुरजोर मदद करने की गुहार लगाई है।
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