Move to Jagran APP

दुष्कर्म की शिकार बच्ची की मां होने का सुबूत नही दे सकी महिला, मामला उलझा

महिला बच्ची की मां होने के भी ठोस सबूत नही दे सकी। जांच में पता चला कि बच्ची का न तो कोई आधार कार्ड है और न अन्य कोई पहचान पत्र है। जिसके कारण उसके माता-पिता का पता लगाया जा सके।

By Edited By: Published: Tue, 23 May 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 01:56 PM (IST)
दुष्कर्म की शिकार बच्ची की मां होने का सुबूत नही दे सकी महिला, मामला उलझा
दुष्कर्म की शिकार बच्ची की मां होने का सुबूत नही दे सकी महिला, मामला उलझा

जेएनएन, रोहतक। सौतले बाप की हैवानियत की शिकार नाबालिग बच्ची को गर्भपात के बाद पीजीआइ से चिकित्सकों ने डिस्चार्ज कर दिया है। हालांकि महिला समिति के सामने न तो अपने पति की मौत का कोई सबूत दे सकी और न बच्ची की मां होने का कोई ठोस कारण बता पाई। ऐसे में अब महिला की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। समिति ने बच्ची को उसकी मां को सौंपने की बजाय बहादुरगढ़ स्थित चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट मे भेज दिया है।

loksabha election banner

गौरतलब है कि नाबालिग बच्ची को सोमवार पीजीआइ से 12 दिन के बाद चिकित्सकों ने डिस्चार्ज कर दिया। पीडि़ता को जिला बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। समिति ने बच्ची की काउंसिलिंग की और उसकी मां के बयान दर्ज किए। बच्ची को मां के सुपुर्द करने से पहले समिति ने कुछ जानकारी मांगी, जो महिला देने में असमर्थ मिली।

यह भी पढ़ें: झोपड़ी में टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई कर हासिल किए 93 फीसद अंक

इतना ही नही महिला बच्ची की मां होने के भी ठोस सबूत नही दे सकी। समिति ने जांच की तो पता चला कि बच्ची का न तो कोई आधार कार्ड बना है और न अन्य कोई पहचान पत्र है, जिसके कारण उसके माता-पिता का पता लगाया जा सके। महिला दुष्कर्म के आरोपी पति को भी बार-बार छोड़ने की बात कर रही है, इससे पुलिस और जिला बार कल्याण समिति को उसपर संदेह पैदा हो गया है। यही कारण कि बच्ची को महिला को सौंपने की बजाय चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट बहादुरगढ़ भेज दिया है।

पीजीआइ से बच्ची डिस्चार्ज हो गई। सोमवार को उसे समिति के समक्ष पेश किया। बच्ची की मां को भी बुलाया गया, लेकिन वह कोई भी जानकारी नही दे सकी। इतना ही नही वह अपने पहले पति की मौत और बच्ची की मां होने का सबूत भी नही दे सकी। इसलिए बच्ची को उसकी मां का दावा करने वाली महिला को नही सौंपा गया। बच्ची के दादा-दादी का पता लगाने के बाद सामाजिक जांच के बाद आगामी फैसला लिया जाएगा।

-राजसिंह सांगवान, चेयरमैन, जिला बाल कल्याण समिति, रोहतक।

यह भी पढ़ें: हरियाणा में वेश बदलकर स्कूलों के आसपास घूमेंगी महिला पुलिस कर्मी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.