Move to Jagran APP

वैश्वीकरण युग मेंबाजारवाद हावी : योगेंद्र

जागरण संवाददाता, पानीपत : वैश्वीकरण के युग में बाजारवाद का बोलबाला है। युवा पीढ़ी अंग्रेजी को देख रह

By Edited By: Published: Tue, 12 Apr 2016 01:03 AM (IST)Updated: Tue, 12 Apr 2016 01:03 AM (IST)
वैश्वीकरण युग मेंबाजारवाद हावी : योगेंद्र

जागरण संवाददाता, पानीपत : वैश्वीकरण के युग में बाजारवाद का बोलबाला है। युवा पीढ़ी अंग्रेजी को देख रही है। अंग्रेजी शिक्षा हासिल करने के बाद भी युवक बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। गोहाना रोड स्थित विश्वकर्मा धर्मशाला में सोमवार को बाजारवाद व संस्कृत की उपादेयता पर आयोजित संगोष्ठी में यह बात मुख्य वक्ता आचार्य योगेंद्र याज्ञिक ने कही।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में संस्कृत भाषा युवा वर्ग के लिए रोजगार के द्वार खोल कर बाजारवाद की चुनौती का ताल ठोक कर सामना कर सकती है। संस्कृत भाषा में रोजगार की अनेक संभावनाएं हैं। बस जरूरत इस बात की है कि युवाओं को सही मार्गदर्शन मिले। विशिष्ट सम्मानित अतिथि बेला भाटिया ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति की धूरी है। जीवन शैली भी है। संस्कृत के प्रचार-प्रसार को एक सकारात्मक वैचारिक आंदोलन बनाने के लिए समाज में सभी का सहयोग आवश्यक है।

मंच संचालन रामदेव धींगड़ा चेरिटेबल ट्रस्ट के सचिव आचार्य सुश्रुत सामश्रमी ने किया। संस्कृत गोष्ठी में नवनीत सिंगला, डॉ. सुभाष वेदालंकार, डॉ. बीबी शर्मा, दीपचंद निर्मोही, नरेश बतरा, डॉ. कृष्णदेव, रामस्वरूप कथूरिया व निर्मल दत्त मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.