नए ड्राफ्ट पर रार, विरोध में उतरे रोडवेजकर्मी और निजी बस ऑपरेटर भी खफा
विवादित निजी बस रूट परमिट पॉलिसी को रद कर प्रदेश सरकार ने नया ड्राफ्ट तो जारी कर दिया, लेकिन न तो इससे रोडवेज कर्मचारी यूनियनें संतुष्ट हैं और न निजी बस संचालक।
जेएनएन, चंडीगढ़। निजी बसों के संचालन को लेकर छिड़ा विवाद थमता नहीं दिख रहा। विवादित निजी बस रूट परमिट पॉलिसी को रद कर प्रदेश सरकार ने नया ड्राफ्ट तो जारी कर दिया, लेकिन न तो इससे रोडवेज कर्मचारी यूनियनें संतुष्ट हैं और न निजी बस संचालक। रोडवेज कर्मचारी फिर से आंदोलन की रणनीति बनाने में जुटे हैं तो वहीं निजी बस संचालक ड्राफ्ट को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।
नए ड्राफ्ट में परिवहन विभाग ने 452 रूट बनाते हुए एक माह में आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। इनमें से ज्यादातर वर्ष 1993 की पॉलिसी के हैं जिन पर रोडवेज कर्मचारियों ने खूब बवाल काटा था। फरवरी में 273 रूटों पर निजी बसें चलाने के विरोध में लगातार आंदोलन और चक्का जाम करने वाले रोडवेज कर्मचारी समझौते के बावजूद रूटों की संख्या करीब दो गुणा करने पर भड़के हुए हैं।
रोडवेज बचाओ संघर्ष समिति के शरबत पूनिया और दलबीर किरमारा ने कहा कि एक भी नई प्राइवेट बस सड़क पर नहीं उतरने देंगे। जल्द ही आठों यूनियनों की संयुक्त बैठक बुलाकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इससे पहले हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन ने 4 जुलाई को रोहतक में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन बुलाया है।
सरकारी कार्यक्रमों का बायकाट करेंगे निजी बस संचालक
हरियाणा सहकारी परिवहन समिति एसोसिएशन के प्रधान सुनील कुमार ने कहा कि तीन महीने पहले ही 273 रूटों के लिए 873 बसों को परमिट जारी किए गए थे। अब उन्हें रूट बदलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अगर एक भी रूट संचालक की मर्जी के बगैर बदला तो आर-पार की लड़ाई होगी। फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देकर सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार किया जाएगा।
कहां कितने रूटों पर परमिट
अंबाला 23, भिवानी 18, पंचकूला 15, चरखी दादरी 16, फतेहाबाद 37, गुरुग्राम 4, हिसार 32, जींद 47, झज्जर 21, करनाल 20, कैथल 46, कुरुक्षेत्र 24, नारनौल 10, पानीपत 11, पलवल 11, रोहतक 23, रेवाड़ी 7, सोनीपत 25, सिरसा 23, यमुनानगर 19
अनुबंध पर चालक-परिचालकों की भर्ती का विरोध
रोडवेज में आउटसोर्सिंग आधार पर 1500 चालक और एक हजार परिचालकों की भर्ती का विरोध करते हुए हरियाणा रोडवेज वर्कर्ज यूनियन (इंटक) ने स्थायी नियुक्तियां करने की मांग की है। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनूप सहरावत, महासचिव महावीर मलिक और प्रेस प्रवक्ता नसीब जाखड़ ने कहा कि नौकरियों में ठेका प्रथा बंद हो।
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