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निगमों का घाटा घटा, लेकिन उपभोक्‍ताओं को राहत में बिजली चोरी अड़ंगा

हरियाणा में बिजली निगमों का घाटा काफी कम हुआ है। डीएचबीवीएन को तो लाभ भी हुआ है। लेकिन, बिजली चोरी के कारण इस स्थि‍ति का लाभ उपभोक्‍ताओं को नहीं मिल पा रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 12:02 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 12:04 PM (IST)
निगमों का घाटा घटा, लेकिन उपभोक्‍ताओं को राहत में बिजली चोरी अड़ंगा
निगमों का घाटा घटा, लेकिन उपभोक्‍ताओं को राहत में बिजली चोरी अड़ंगा

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। हरियाणा में बिजली निगमों का घाटा तो कम हुआ है, लेकिन इसका फायदा उपभाेक्‍ताओं को नहीं मिला है। राज्‍य सरकार से 25 हजार करोड़ रुपये की मदद और सकल तकनीकी एवं व्यावसायिक हानियां कम होने से बिजली निगमों को काफी राहत मिली है। इसके बावजूद भारी-भरकम लाइन लॉस इसका फायदा उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचने दे रहा। बिजली चोरी के कारण उपभोक्‍ताओं को राहत नहीं मिल रही है।

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सकल तकनीकी एवं व्यावसायिक हानियां 29.8 से घट कर हुईं 25.9 फीसद

उत्पादन लागत में कटौती के कारण एफएसए (फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट) में तो कटौती की गई, लेकिन बिजली चोरी के कारण टैरिफ दरों को कम करने के बजाय उल्टे बढ़ाना पड़ा है। बिजली वितरण निगमों को घाटे से उबारने के लिए नवंबर 2015 में शुरू उदय योजना (उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस स्कीम) के लागू होने के बाद हरियाणा के बिजली वितरण निगमों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है।

डीएचबीवीएन ने पहली बार घाटे से उबर पहली छमाही मेें कमाया 78 करोड़ का मुनाफा

सकल तकनीकी एवं व्यावसायिक हानियां वर्ष 2015-16 के 29.8 फीसद के मुकाबले घटकर वर्ष 2016-17 में 25.9 फीसद रह गईं। इसी तरह विद्युत क्रय की लागत (रुपया प्रति किलोवाट घंटा) भी वर्ष 2015-16 के 5.05 रुपये प्रति यूनिट से घटकर वर्ष 2016-17 में 5.01 रुपये यूनिट हो गई है।

इसका फायदा उठाते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) ने पहली बार न केवल अपनी हानियों को खत्म कर दिया, बल्कि वर्ष 2016-17 की पूर्वार्ध अवधि में 78 करोड़ रुपये का मुनाफा भी कमाया। हालांकि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) अभी घाटे से उबर नहीं पाया है।

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हरियाणा से बेहतर राजस्थान

राजस्थान इस मामले में हरियाणा से आगे रहा है। पड़ोसी राज्य में सकल तकनीकी एवं व्यावसायिक हानियां वर्ष 2015-16 के 27.3 के मुकाबले वर्ष 2016-17 में 23.6 फीसद रह गई हैं। इसी तरह कुल वसूली की दर और कुल आपूर्ति की लागत का अंतर वर्ष 2015-16 के 1.68 (रुपये/किलोवाट घंटा) से घट कर वर्ष 2016-17 में 0.5 (रुपये/किलोवाट घंटा) रह गया है।

466 फीडरों का लाइन लॉस 20 से 50 फीसद

बिजली निगमों की वित्तीय वर्ष 2016-17 की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के 74 फीडर का बिजली लॉस 50 फीसद से अधिक है। साथ ही 466 पर लाइन लॉस 20 से 50 फीसद तक है। लाइन लॉस के कारण ईमानदार उपभोक्ताओं को भी ऊंची कीमत पर बिजली मिलती है।

15 फीसद तक लाएंगे लाइन लॉस

ऊर्जा मंत्रालय से समझौते के तहत हमें इस साल लाइन लॉस को 20.04 फीसद और अगले साल 15 फीसद तक लाना है। बिजली निगमों के कम होते घाटे का लाभ आमजन को भी मिल रहा है। पिछले साल सितंबर में 37 पैसे, फिर अप्रैल में 40-60 पैसे और अब पहली जुलाई से एफएसए 28 पैसे यूनिट कम किया गया है।

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'' एफएसए और मूल टैरिफ को जोड़े तो बिजली चार्जेज में बढ़ोतरी के बावजूद सभी उपभोक्ताओं को 77 पैसे से एक रुपये 9 पैसे प्रति यूनिट तक की राहत मिली है। दिसंबर में सरचार्ज 15 से 25 पैसे प्रति यूनिट कम करने का प्रस्ताव है।

                                                                                           -शत्रुजीत कपूर, चेयरमैन, बिजली निगम।

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