संस्कृत भाषा को व्यवहार में लाने से ही होगा विकास : सोमदेव
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आचार्य सोमदेव शतांशु ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आचार्य सोमदेव शतांशु ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए इसे व्यवहार में लाना जरूरी है। दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि भारत के गौरव का प्रतीक रही इस भाषा को मान-सम्मान मिल सके। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संस्कृत, पालि एवं प्राकृत विभाग में संस्कृत सप्ताह समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
सोमदेव ने कहा कि एक अच्छा वक्ता बनने के लिए विद्यार्थियों को उच्चारण के साथ-साथ भाषण कौशल पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने प्रतियोगिताओं में विजयी रहे सभी प्रतिभागियों को बधाई दी।
सारस्वत अतिथि के रूप में आचार्य संस्कृत आनंद हरि ने वेदोच्चारण करके प्रात: जागरण आदि के विषय में अपना उद्धबोधन रखा। मंच का संचालन विभाग के वेदाचार्य डॉ. राजेश्वर प्रसाद मिश्र ने किया। कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत और अंत में धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष डॉ. ललित कुमार गौड़ ने किया। संस्कृत सप्ताह 16 अगस्त से प्रतिदिन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें विविध प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। सोमवार को भाषण व श्लोक आरण प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसमें भाषण प्रतिस्पर्धा में सूर्यकांत भारद्वाज प्रथम, सपना द्वितीय, राकेश कुमार ने तृतीय तथा सुंदरा देवी ने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। श्लो उच्चारण प्रतियोगिता में शिखा कौशिक ने प्रथम, विपिन कुमार ने द्वितीय, अनुज कुमार ने तृतीय तथा निधि ने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया।