शास्त्री डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों ने किया शहर में विरोध प्रदर्शन
जागरण संवाददाता, भिवानी : हरियाणा शेखावटी संस्कृत महाविद्यालय में सैकड़ों की संख्या में शास्त्री में
जागरण संवाददाता, भिवानी : हरियाणा शेखावटी संस्कृत महाविद्यालय में सैकड़ों की संख्या में शास्त्री में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने मंगलवार को शास्त्री उत्तीर्ण छात्र को ही सरकारी भर्तियों में प्राथमिकता दिए जाने की मांग को लेकर शहर में विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।
महम गेट स्थित संस्कृति महाविद्यालय में मंगलवार को संस्कृत बचाओ समिति के संयोजक सुनील शास्त्री के नेतृत्व में संस्कृत विद्यार्थी एकत्रित हुए। सुनील शास्त्री ने कहा कि प्रदेश सरकार एक तरफ तो गीता को बढ़ावा दे रही है और दूसरी तरफ संस्कृत भाषा को खत्म करने पर तुली हुई है। शास्त्रियों के साथ अन्याय किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि
सरकार की तरफ से संस्कृत भर्ती में शास्त्रियों को शामिल करने की मांग रखी। प्रदेश सरकार ने संस्कृत अध्यापकों की नौकरियां निकाली थी, जिसमें बी.ए. संस्कृत समेत को पात्र बताया गया है, जबकि इससे पूर्व हमेशा शास्त्री ही संस्कृत अध्यापक के लिए पात्र होता था। शास्त्री उत्तीर्ण छात्र को ही इन भर्तियों में प्राथमिकता दी जाए और हरियाणा की पूर्व सरकार द्वारा 2012 में लागू किए गए गजट को बदला जाएं। इन मांगों को लेकर विद्यार्थियों ने शहर में विरोध प्रदर्शन कर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। सुनील शास्त्री ने कहा कि शास्त्रियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए सड़क से संसद तक आंदोलन किया जाएगा। संस्कृत भाषा को खत्म करना भारतीय संस्कृत को नष्ट करने के बराबर है। इस अवसर पर प्राचार्या सुमन शर्मा, सुनील शास्त्री, सनातन धर्म के प्राचार्य विनय मिश्रा, वेदप्रकाश शास्त्री, सुरेश शर्मा, जोगेंद्र शर्मा, अनिता शर्मा, राकेश कौशिक, जितेंद्र शास्त्री, परमेंद्र शास्त्री, प्रदीप, सीमा कुमारी, अनीता, मनीषा, रेणू, नरेश, विकास, सुभाष, संदीप, रामबीर, विजय, पवन, लतिका, प्रीति, सुषमा, जितेंद्र भी मौजूद थे।
ये है मामला
बॉक्स : प्रदेश सरकार ने संस्कृत अध्यापकों की नौकरियां निकाली है। जिसमें संस्कृत विषय से स्नातक व बीएड पास को ही को पात्र माना है, जबकि इससे पूर्व हमेशा शास्त्री ही संस्कृत अध्यापक के लिए पात्र होता था। इस शर्त से प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों द्वारा दी जाने वाली शास्त्री की डिग्री अब बेकार होती नजर आ रही है। इस कारण शास्त्री डिग्री प्राप्त विद्यार्थी आंदोलन कर रहे हैं।