बगैर शिक्षकों के चल रहा मॉडल स्कू ल
संवाद सहयोगी, तोशाम : प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए तमाम दावे बेशक करे, ¨कतु जमीनी हकी
संवाद सहयोगी, तोशाम : प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए तमाम दावे बेशक करे, ¨कतु जमीनी हकीकत क्या है इसकी एक उदाहरण तोशाम स्थित जिले का एकमात्र राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में देखा जा सकता है। इस विद्यालय में स्टाफ की कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। स्टाफ की कमी के कारण ये स्कूल केवल माडल ही बन कर रहे गए हैं और इस विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी स्टाफ की कमी के कारण लगातार पढाई में पिछड़ते जा रहे हैं। विशेषकर विज्ञान संकाय में गण्ति व भौतिकी के प्राध्यापक न होने के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। ऐसे में स्टाफ के अभाव में विद्यार्थियों को अपने पाठ्यक्रम की ¨चता सताने लगी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार तोशाम के मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक में गणित प्राध्यापक के दो पद, भूगोल के दो पद, गृह विज्ञान के दो पद, अर्थशास्त्र एक पद और भौतिक विज्ञान का भी एक पद रिक्त बताया गया है, ¨कतु भौतिक विज्ञान की प्राध्यापिका प्रसूति अवकाश पर होने के कारण दोनों ही पद रिक्त हैं। क्षेत्र के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक में ऐसे में विद्यार्थी किस तरह की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है, वो भी ऐसे समय में जब बोर्ड कक्षाओं के खराब परीक्षा परिणाम की चहुंओर आलोचना हो रही है।
क्या कहते हैं विद्यालय के प्राचार्य
इस बारे में विद्यालय के प्राचार्य केके शर्मा से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि शिक्षकों की कमी है ¨कतु फिर भी विद्यार्थियों की अध्ययन प्रक्रिया बाधित ना हो इसके लिए वे पूरी तरह से वचनबद्ध हैं। स्टाफ की कमी को लेकर विभाग को पत्र लिखा जा चुका है।
क्या कहते हैं एसएमसी सदस्य
इस बारे में एसएमसी के वरिष्ठ सदस्य नवल किशोर शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि खराब परीक्षा परिणाम का ठीकरा हमेशा ही अध्यापकों पर फोड़ा जाता है। ¨कतु मॉडल स्कूल जैसी बड़ी संस्था में अध्यापकों के दर्जन भर पद रिक्त हैं। सरकार व शिक्षा विभाग को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
ये कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी
इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी नरेन्द्र यादव ने कहा कि प्रदेश की सरकार ने शीघ्र ही नई भर्ती कर शिक्षकों की कमी को पूरा करने की बात कही है और नए शिक्षक आने तक इंटरलन एडजेस्टमेंट का अधिकार दिया जाएगा, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।