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Interview: अर्जुन कपूर को मिल गया है Certificate जिसे वो कहीं भी कभी भी दिखा सकते हैं

''मुबारकां'' फिल्म 28 जुलाई को रिलीज़ हो रही है जिसे अनीस बज्मी ने डायरेक्ट किया है। फिल्म में इलियाना डी क्रूज़ और अथिया शेट्टी भी हैं।

By Rahul soniEdited By: Published: Thu, 27 Jul 2017 03:33 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jul 2017 02:13 PM (IST)
Interview: अर्जुन कपूर को मिल गया है Certificate जिसे वो कहीं भी कभी भी दिखा सकते हैं
Interview: अर्जुन कपूर को मिल गया है Certificate जिसे वो कहीं भी कभी भी दिखा सकते हैं

मुंबई। अर्जुन कपूर एक बार फिर डबल रोल में नज़र आने वाले हैं। फिल्म 'अौरंगजेब' के बाद अब वो डायरेक्टर अनीस बज्मी की फिल्म 'मुबारकां' में डबल रोल में दिखाई देंगे। इस फिल्म को लेकर अर्जुन कपूर ने जागरण डॉट कॉम के राहुल सोनी से खास बातचीत में डबल रोल और पहली बार चाचा अनिल कपूर के साथ बिग स्क्रीन शेयर करने को लेकर कई राज़ खोले। अर्जुन ने कहा उन्हें इस बात का सर्टिफिकेट मिल गया है कि उन्होंने अनिल कपूर के साथ काम किया है जिसमें वो कहीं भी कभी भी दिखा सकते हैं। पढ़िए अर्जुन कपूर से इंटरव्यू के दौरान किए गए सवालों के जवाब - 

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सवाल - फिल्म ''अौरंगजेब'' में डबल रोल किया था, तो ''मुबारकां'' में यह रोल निभाना कितना आसान था

जब इंसान एक्टर बन जाता है और काम कर लेता है तो आसान और कठिन से आगे सोचने लगता है। सोच होती है कुछ नया और अच्छा करने की। मेरा मानना है कि काम आसान है तो नहीं करना चाहिए क्योंकि उसको करके आपको खुशी नही मिलेगी। हां, अगर काम आपके बस के बाहर है तो करना ही नहीं चाहिए क्योंकि आप फिल्म को खराब कर देंगे। आसान या कठिन से ज्यादा मुझे लगता है कि किसी को आप पर विश्वास होना चाहिए चाहे वो निर्देशक हो या लेखक। इसके साथ कैसे आप नए और अच्छे तरीके से दिए काम को कर सकते हैं और खुदको डिस्कवर करते हैं यह ज्यादा मायने रखता है। अगर माइंडसेट सही नहीं होगा तो आप हर काम को गलत तरह से समझोगे। 

सवाल - ''मुबारकां'' फिल्म के डबल रोल में क्या खास बात है

औरंगजेब फिल्म में दो अलग-अलग किरदार जरूर थे पर महज तीन या चार मिनट के लिए साथ में समय बिताते थे। यहां पर बहुत इंट्रेस्टिंग चीज यह थी कि मैंने अपने आप के साथ बहुत समय बिताया है। दो अलग किरदार बनाने के बाद दोनों का इंटरपर्सनल डायनेमिक्स क्या है वो आजतक मैंने कभी एक्सप्लोर नहीं किया। यदि मैं दो किरदार निभाता हूं तो उनकी केमेस्ट्री औ ट्यूनिंग दोनों भाई हैं माहोल कैसा होगा यह सवाल जहन में रहते हैं। दूसरे कैरेक्टर आएंगे तो दोनों का बिहेवियर कैसे बदलेगा। एक अपने चाचा से कैसे बात करता है एक अपने मामा से कैसे बात करता है। दो अलग किरदार और उसके साथ कॉमेडी। फिल्म ''औरंगजेब'' की थी तो यह कम्फर्ट था कि इस दुनिया को देखा है। पहली बार डबल रोल नहीं कर रहा था। इसकी प्रोसेस पता थी। पगड़ी पहनना फिर उतारना एेसा दिन में 6 बार करना होता था। साइकोलॉजी इसके लिए मैं तैयार था। अौरंगजेब में एक साथ सिर्फ 3 या 4 मिनट के लिए बिताते थे।

सवाल - जिस तरह का सिनेमा आज है क्या आपको लगता है कि सिलेक्शन को लेकर परेशानी है या कंटेट की कमी है

हमेशा कोशिश रहती है नया कंटेंट लाने की। अॉडियंस बहुत जल्दी इवॉल्व हो रही है। अॉडियंस का टेस्ट बदल रहा है। जब आप फिल्म शुरू करते हो एक साल के अंदर बदलाव आना शुरू हो जाता है। एक साल बाद क्या इंट्रेस्टिंग होगा यह सोच कर फिल्में बनाना होती हैं। आज बिग लेवल पर कॉम्पीटिशन हो रहा है। लिखना एक कला है जिसमें एक्टर का कोई काम नही है। इसमें समय और खर्चा लगता है। मुझे लगता है कि स्टूडियोज़ को राइटर्स पर ज्यादा इनवेस्ट करना चाहिए जिससे नया कंटेंट बने। पूरानी स्टोरी को भी फिर से नए तरीके से अपनाना डायरेक्टर का विजन है। कंटेंट ट्रिकी होता है जिसमें अॉडियंस को माइंड में रखना होता है। कई बार यह रिस्क जैसा है जिसे लेने में लगता तो है कि कंसेप्ट बिल्कुल भी अलग न हो जाए। लेकिन बैलेंस बना कर रखते हैं। जिस प्रकार अनुष्का शर्मा ने फिल्म ''फिल्लौरी'' की जिसमें वो भूत बनीं थीं। यह कंसेप्ट काफी एक्साइटिंग था। वही ''नाम शबाना'' में हमने फीमेल ओरिएंटेड एक्शन देखा। फिल्म ''मॉम'' की भी कहानी हम पहले सुन चुके हैं लेकिन इसे अलग तरह से प्रेजेंट किया गया है। वही ''जग्गा जासूस'' भी एक उदाहरण है। यह बात तय है कि एक्टर बजट नहीं कंट्रोल कर सकता है। अब तो राइटर डायरेक्टर बन रहे हैं। तो एेसे में अच्छे राइटर्स को लाना होगा। 

सवाल - चाचा अनिल कपूर के साथ फिल्म में केमेस्ट्री कैसी थी 

''मुबारकां'' मेरे लिए इंट्रेस्टिंग जर्नीं से ज्यादा यह एक इमोशनल जर्नी है। मैं हमेशा से चाचा अनिल कपूर के साथ काम करना चाहता था। वो बॉलीवुड के लीजेंड हैं। वो मेरे चाचा भी हैं। मैं उनकी फिल्में देखकर और साथ में राजमा चावल खाकर बड़ा हुआ हूं। जब मैंने फिल्म ''मुबारकां'' का पहला शॉट दिया था तब मैं बहुत इमोशनल हो गया था। एेसा लगा रहा था कुछ न कुछ मुकाम जरूर हासिल किया है जिसके कारण आज अनिल कपूर के साथ काम करने का मौका मिल रहा है। जब चाचा अनिल कपूर का फोन आया कि यह फिल्म तुम्हारे लिए सही है तो एक सपने को सच होते हुए देखा। वो पहला शॉट हमेशा याद रहेगा जिसमें मैं अथिया के साथ डांस कर रहा हूं और पीछे चाचा खड़े थे। उस समय एेसा लगा कि मैं मेरी बॉडी से बाहर चला गया हूं। मेरे लिए यह बड़ी बात है कि अनिल कपूर ने मुझे उस लायक समझा कि मैं उनके साथ काम कर सकता हूं। कुछ भी बोलों मेरे पास तो अब सर्टिफिकेट मिल गया है कि मैंने अनिल कपूर के साथ काम किया है। 


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