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यूपी चुनावः सीतापुर में बदलाव की बयार में दिग्गजों का इम्तिहान

सीतापुर की नौ सीटों के 95 प्रत्याशियों और 29,59,136 मतदाताओं के बीच हो रहे इस चुनाव में पिछले बार के समीकरणों को नई चुनौती मिलती दिख रही है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 18 Feb 2017 11:28 AM (IST)Updated: Sat, 18 Feb 2017 11:39 AM (IST)
यूपी चुनावः सीतापुर में बदलाव की बयार में दिग्गजों का इम्तिहान
यूपी चुनावः सीतापुर में बदलाव की बयार में दिग्गजों का इम्तिहान

सीतापुर [आशीष बाजपेयी]। पिछले तीन-चार दिनों से मौसम नित करवट बदल रहा है। कभी ठंड तो कभी गर्म और इस सबके बीच कई बार तेज हवा के झोंके। मौसम के इस मिजाज की ही तरह जिले की सियासत भी तेजी से पल-पल रंग बदल रही है। वोटों के गुणा-भाग के खेल में बीते कुछ दिनों में सियासत में भी तेजी से बदलाव आया है। सीतापुर की नौ सीटों के 95 प्रत्याशियों और 29,59,136 मतदाताओं के बीच हो रहे इस चुनाव में पिछले बार के समीकरणों को नई चुनौती मिलती दिख रही है।

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चुनाव पार्टियां निकल चुकी हैं। शहर के आंख अस्पताल रोड पर कचेहरी गेट के बाहर एक दुकान पर पान की गिलौरियों के बीच चुनावी चर्चा जारी है... तीसरे चरण में जहां-जहां चुनाव होना है, वह सपा का गढ़ है, पहले और दूसरे चरण का मतदान तो कुछ और ही नतीजे देने के संकेत दे रहा है, देखना यह है कि तीसरे चरण का चुनाव सपाई दुर्ग को कितना बचा पाता है। एक अधिवक्ता के मुंशी श्याम मनोहर की बात पूरी भी नहीं हो पाई कि उन्हीं के बगल में बेंच पर बैठे एक सज्जन बोल उठे सपा के दुर्ग में सेंधमारी तो होनी ही है। इसी बीच पान पर चूना रगड़ते हुए किशन बोल उठे भाजपा ने सबसे बाद में प्रत्याशियों की घोषणा की लेकिन वह मुख्य चुनावी मुकाबले में आ गई है। बसपा सुप्रीमो की रैली ने जिले की सभी सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों का मनोबल बढ़ाया है। इसी बीच विनय बोल उठे कांग्रेस के राहुल गांधी ने भी जिले में रैली की, इसी बीच मार्ग से एक प्रत्याशी का जुलूस निकल पड़ा लोगों की नजरें और ध्यान उधर चले जाने से चुनावी चर्चा पर विराम लग गया।

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जिले की सभी नौ विधान सभा सीटों के लिए रविवार 19 फरवरी को मतदान होना है। इससे पूर्व शुक्रवार की शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया। लेकिन मतदाताओं की खामोशी अभी भी नहीं टूटी है। जिससे प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। मतदाताओं के मौन से प्रत्याशियों के लिए यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है कि चुनावी नतीजे क्या गुल खिलाने वाले हैं, साथ ही साथ राजनीतिक विश्लेषक भी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस बार चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर तक सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशी विकास के मुद्दे पर वोटों के जोड़-तोड़ में लगे रहे।

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कई प्रत्याशियों ने जीत सुनिश्चित करने के लिए दिग्गज राजनेताओं तो कईयों ने स्टार प्रचारकों का भी सहारा लिया। खेती और सहालग के बावजूद भी मतदान को लेकर जिस तरह से मतदाताओं में उत्साह नजर आ रहा है, उससे इतना तो स्पष्ट हो ही रहा है कि इस बार के विधान सभा चुनाव में मतदान प्रतिशत का पुराना रिकॉर्ड टूटने जा रहा है। वर्ष 2012 के विधान सभा चुनाव में सीतापुर जिले मेें कुल 65.62 प्रतिशत मतदान हुआ था। जिसमें से महमूदाबाद सीट पर सर्वाधिक 70.39 प्रतिशत वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग किया था।

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दांव पर प्रतिष्ठा
जिले की मिश्रिख, हरगांव, महमूदाबाद और सेवता विधान सभा सीट प्रतिष्ठापूर्ण मानी जा रही हैं। महमूदाबाद से कैबिनेट मंत्री नरेंद्र ङ्क्षसह वर्मा एक बार फिर सपा प्रत्याशी के रूप में चुनावी समर में हैं। उनके मुकाबले बसपा के प्रद्युम्न वर्मा और भाजपा की आशा मौर्या हैं। मिश्रिख से मौजूदा विधायक और कारागार राज्यमंत्री रामपाल राजवंशी एक बार फिर सपा प्रत्याशी के तौर पर हैं, उनके मुकाबले कांग्रेस से पिछला चुनाव लडऩे वाले पूर्व मंत्री रामकृष्ण भार्गव भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। पूर्व सांसद अशोक रावत के भाई और बसपा प्रत्याशी मनीष रावत एक बार फिर हाथी पर सवार होकर इस चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाये हुए हैं

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हरगांव से मौजूदा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री रामहेत भारती के मुकाबले राज्यमंत्री रामपाल राजवंशी के पुत्र मनोज राजवंशी सपा से और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामलाल राही के पुत्र सुरेश राही भाजपा से चुनाव मैदान में ताल ठोंके हुए हैं। सेवता विधान सभा सीट के मौजूदा विधायक महेंद्र ङ्क्षसह झीन का टिकट काटकर पिछले चुनाव में जनता पार्टी (सोशलिस्ट) के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले शिव कुमार गुप्ता को सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। इसी सीट से बिसवां के मौजूदा विधायक रामपाल यादव ने सपा का दामन छोड़कर लोकदल के टिकट पर ताल ठोंक रखी है। भाजपा ने ज्ञान तिवारी और बसपा ने नसीम इंजीनियर को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

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गठबंधन बरकरार
जिले की नौ सीटों में से सात पर सपा का और दो पर बसपा का कब्जा है। इस चुनाव में सपा के सामने अपना दुर्ग बचाने की भी चुनौती है। जिले की किसी भी सीट पर सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी आमने-सामने नहीं हैं। जिले की नौ विधान सभा सीटों में से एक मात्र लहरपुर सीट ही कांग्रेस के खाते में गई है। इस सीट से कांग्रेस के अनिल वर्मा चुनावी मैदान में हैं। इसके अलावा अन्य आठ सीटों पर सपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहें हैं।


जिले का क्षेत्रफल - 5743 वर्ग किलोमीटर
कुल औसत साक्षरता दर - 61.12
कुल पुरुष साक्षरता दर - 70.31
कुल महिला साक्षरता दर - 50.67
सेक्स रेशियो - 888 (प्रति हजार)


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