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आज तय होगा यूपी का 32वां मुख्यमंत्री, रेस में मनोज सिन्हा सबसे आगे

यूपी के नए मुख्यमंत्री का फैसला आज शाम पांच बजे भाजपा विधायकों की बैठक में होगा। लोक भवन में होने वाली इस बैठक में वेंकैया नायडू व भूपेंद्र यादव बतौर पर्यवेक्षक मौजूद रहेंगे।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 18 Mar 2017 09:20 AM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2017 04:08 PM (IST)
आज तय होगा यूपी का 32वां मुख्यमंत्री, रेस में मनोज सिन्हा सबसे आगे
आज तय होगा यूपी का 32वां मुख्यमंत्री, रेस में मनोज सिन्हा सबसे आगे

लखनऊ (जेएनएन)। प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने जा रही भाजपा शनिवार को सूबे के 32वें मुख्यमंत्री का नाम तय कर देगी। इसके लिए लोक भवन (मुख्यमंत्री सचिवालय) में शाम पांच बजे भाजपा विधायकों की बैठक बुलाई गयी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस बैठक के लिए केन्द्रीय शहरी विकास एवं सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू और राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र यादव को पर्यवेक्षक अधिकृत किया है।

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भाजपा विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षकों के अलावा प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर, प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश व प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी मौजूद रहेंगे। यह चर्चा है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सहमति से मुख्यमंत्री का नाम तय कर लिया है। विधायक दल की बैठक में उस नाम को सामने रखकर केवल औपचारिक रूप से एलान किया जाना है। शुक्रवार को ही बड़ी संख्या में भाजपा विधायक लखनऊ आ गये हैं। सहयोगी दलों को मिलाकर इनकी कुल संख्या 325 है। बड़ी संख्या के लिहाज से ही लोकभवन को चुना गया है। कई विधायकों ने शुक्रवार को ही लोकभवन को जाकर देखा। यद्यपि मुख्यमंत्री को लेकर कई नाम सुर्खियों में हैं लेकिन अभी तक अधिकृत रूप से नाम तय न होने से कौतूहल बना हुआ है।

व्यक्ति के हिसाब से 22वें सीएम
क्रम के हिसाब से शपथ लेने मनोनीत मुख्यमंत्री का नंबर 32वां होगा लेकिन, व्यक्तियों के हिसाब से 22वें होंगे। ध्यान रहे आजादी से पहले सर नवाब मोहम्मद अहमद सईद खां उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे। फिर आजादी के बाद गोविंद बल्लभ पंत, संपूर्णानंद, चंद्रभानु गुप्त, सुचेता कृपलानी, चौधरी चरण सिंह, त्रिभुवन नारायण सिंह, कमला पति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी, रामनरेश यादव, बनारसी दास गुप्त, विश्वनाथ प्रताप सिंह, श्रीपति मिश्र, वीरबहादुर सिंह, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, रामप्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री हुए।

बता दें कि प्रदेश में भाजपा और सहयोगी दलों ने रिकार्ड 325 सीटें जीतकर इतिहास रचा है। गत 11 मार्च को चुनाव परिणाम जारी होने के बाद से कौन बनेगा मुख्यमंत्री का सवाल सभी के जेहन में है। मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में राजनाथ सिंह का नाम ही सबसे मजबूत माना जा रहा था परंतु उन्होंने इसको फालतू बात कहकर खंडन किया था। राजनाथ सिंह वर्ष 2000-02 में प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अतिपिछड़ों के लिए सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट के आधार पर अलग आरक्षण कोटा देने की व्यवस्था करने वाले राजनाथ को वरिष्ठता को लाभ मिलेगा। वहीं पार्टी में एक खेमा पिछड़े वर्ग से मुख्यमंत्री बनाने की पैरोकारी कर रहा है लेकिन बहुतेरों का मानना है कि पिछड़ों में भाजपा प्रेम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण जागा है।

सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक हैं मनोज सिन्हा

गाजीपुर से तीसरी बार सांसद बने मनोज सिन्हा, रेल राज्यमंत्री व संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। वर्ष 1982 में बीएचयू छात्रसंघ अध्यक्ष रहे सिन्हा आइआइटी बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक किए हुए है। गोल्ड मेडेलिस्ट रहे सिन्हा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभविप) से जुड़े रहे हैं। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री सिन्हा का नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में आगे होने पर जहां उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है वहीं प्रशासन की सक्रियता भी दिखने लगी है।

मनोज सिंन्हा का प्रोफाइल एक नजर में 
-1 जुलाई 1959 को गाजीपुर के मोहनपुरा में जन्म हुआ। बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक - एमटेक की पढ़ाई की।

-आईआईटी बीएचयू से पढ़े मनोज सिन्हा की छवि काफी साफ सुथरी है।

-मनोज सिन्हा छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष थे

-1989 में बीजेपी राष्ट्रीय परिषद के सदस्य बने
-1996, 1999, 2014 में ग़ाज़ीपुर से सांसद बने

-मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। पीएम मोदी और मनोज सिन्हा के बीच आरएसएस के दिनों से ही अच्छे संबंध हैं।

-मनोज सिन्हा की 1, मई 1977 को सुलतानगंज, भागलपुर की नीलम सिन्हा से शादी हुई। उनकी एक बेटी है, जिसकी शादी हो चुकी है और एक बेटा है जो एक टेलीकॉम कम्पनी में काम कर रहा है।

-वह पूर्वांचल से आते हैं इसलिए पार्टी को वहां और मजबूत करने का जिम्मा भी वह उठाएंगे।

 


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