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चुनाव परिणाम से पहले ही 'आप' में सीएम को लेकर खींचतान शुरू

पंजाब विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने से पहले ही आम आदमी पार्टी में सीएम पद के लिए खींचतान शुरू हो गई है। पार्टी के नेता अभी से आप को विजेता मान कर लॉंबिंग में जुट गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 11:11 AM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2017 11:47 AM (IST)
चुनाव परिणाम से पहले ही 'आप' में सीएम को लेकर खींचतान शुरू
चुनाव परिणाम से पहले ही 'आप' में सीएम को लेकर खींचतान शुरू

चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। पजाब विधानसभा चुनाव का परिणाम 11 मार्च को सामने आएगा, लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अभी से पार्टी की जीत तय मान ली है। इसी विश्वास के कारण पार्टी में अभी से मुख्यमंत्री पद के लिए खींचतान शुरू हाे गई है। मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी में जोर आजमाइश नेताओं में शुरू हो गई है। हालांकि पार्टी के राज्य कन्वीनर गुरप्रीत सिंह वड़ैच ने यह कहकर कई नेताओं के सीएम बनने के मंसूबों पर पानी फेर दिया है कि जीतने वाला विधायक ही सीएम बनेगा।

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पार्टी ने पंजाब चुनाव की रेस में खुद को स्थापित करने व दौड़ में आगे निकलने के लिए लगभग प्रमुख उम्मीदवारों को कांग्रेस व शिरोमणि अकाली दल के दिग्गज उम्मीदवारों के सामने मैदान में खड़ा कर दिया था। इनमें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल चल रहे भगवंत मान को जलालाबाद से शिरोमणि अकाली दल के प्रधान व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल, पार्टी के सह प्रभारी जनरैल सिंह को लंबी से मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व नरिंदर शेरगिल को मजीठा से अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ खड़ा किया गया था।

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अंदरखाते घमासान

मतदान होने के बाद ही पार्टी के तमाम नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार आ रही है। इसके साथ ही पार्टी में प्रमुख ओहदों व खास तौर पर मुख्यमंत्री पद को लेकर अंदरखाते घमासान रोजाना तेज होता जा रहा है। जनरैल सिंह चुनाव खत्म होने के बाद दिल्ली चले गए हैं, इसलिए वे पार्टी के आला नेताओं के ज्यादा करीब माने जा रहे हैं।

भगवंत मान पंजाब में ही हैं और अपनी जीत की अरदास को लेकर धार्मिक स्थलों में भी माथा टेक रहे हैं। दोनों ही सीटों के नजीते कुछ भी हो सकते हैं, यहां पर कांटे की लड़ाई में जीत या हार अभी तय नहीं की जा सकती है। कुछ ऐसा ही आलम शेरगिल का भी है। इसलिए मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले चुनाव परिणाम का इंतजार करना इन दोनों ही नेताओं की मजबूरी है।

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यही हाल सुखपाल खैहरा व गुरप्रीत सिंह वड़ैच का भी है। भुलत्थ व बटाला में भी कांटे की लड़ाई में जीत-हार किसी की भी हो सकती है। शायद यह पहली बार होगा जब आप ने चुनाव में सियासी तड़का लगाकर मुख्यमंत्री पद के दावेदारों पर दांव खेला है, उसकी इस चाल में विरोधियों का किला भी ध्वस्त हो सकता है।

भगंवत मान ने भी शुरू की लॉबिंग

फिलहाल भगवंत मान ने पार्टी के पंजाब प्रभारी संजय सिंह को साथ लेकर लॉबिंग शुरू कर दी है, तो जनरैल ने दिल्ली में ही डट कर अपनी खेमेबंदी शुरू रखी है। रहा सवाल वड़ैच, खैहरा व शेरगिल व अन्य उम्मीदवारों का तो अपने-अपने स्तर से उन्होंने भी लाॅबिंग शुरू कर दी है।

वैसे, चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी अगर सत्ता में आती है तो किस चेहरे पर भरोसा जताएगी इसकी चाबी पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल के पास है। मतगणना का काउंट डाउन शुरू हो चुका है और केजरीवाल की टीम भी पंजाब की सियासत पर लगातार नजरें रखकर भविष्य के मुख्यमंत्री या नेता विरोधी दल की खोज में तमाम चेहरों पर बारीकी से गौर करने का सिलसिला जारी रखा है।

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