AAP के 'योगी' ने भी कसा तंज, अब मुश्किल है विश्वास का पार्टी में रहना
सूत्रों का यहां तक कहना है कि गत दिनों राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुमार विश्वास को बुरी तरह से लताड़ा गया। कोई अन्य नेता होता तो पार्टी छोड़ कर चला जाता।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अपने बेबाक बयानों से आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे कुमार विश्वास की जल्द ही पार्टी से विदाई तय है। बताया जा रहा है कि आए दिन कुमार विश्वास के तेवर देख AAP नेता इन्हें बाहर करने का मन बना चुके हैं। इसके लिए शुरू यज्ञ में रोजाना कोई न कोई आहुति डाली जा रही है।
यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी के अधिकतर सक्रिय नेताओं का मानना है कि कुमार से पार्टी को नुकसान ही हो रहा है। उनका पार्टी के मुखिया के प्रति सम्मान नहीं दिख रहा है। कुमार को लेकर पार्टी में चल रही गहमागहमी के बीच AAP के मीडिया मैनेजर विकास योगी ने बुधवार को विश्वास पर तंज कसा।
विश्वास के खिलाफ एक पत्र लिखकर उसे आप के अधिकृत वाट्सअप ग्रुप में डाल दिया। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। वैसे योगी न ही इतना बड़ा नाम है और न ही ऐसा कद कि वह विश्वास के खिलाफ बयान दे। ये उन लोगों में शामिल हैं जो उनकी चरण वंदना करते रहे हैं।
वेतन पर काम करने वाले ऐसे लोगों की इतनी हिम्मत भी नहीं कि वह प्रदेश स्तर के किसी नेता पर बयान दें। इससे साफ है कि छोटे नेताओं के माध्यम से एक वरिष्ठ नेता पर छींटाकशी किसी न किसी उद्देश्य से करवाई जा रही है।
पत्र में जिन शब्दों और तर्कों का जिक्र किया गया है उससे साफ जाहिर है कि अब कुमार के लिए पार्टी में जरा भी सम्मान नहीं बचा है। विकास का दावा है विश्वास पार्टी में फूट डालने की साजिश रच रहे हैं। एमसीडी और विधानसभा चुनाव में प्रचार करने से कुमार ने इन्कार किया था।
योगी ने पत्र के हवाले से पूछा गया है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों पर चुप क्यों हैं। सीबीआइ द्वारा की गई छापोमारी पर चुप्पी साधकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से कौन सी दोस्ती निभा रहे हैं आप।
ऐसे बयानों का आकलन करें तो कुमार के लिए अब ऐसी स्थिति होती जा रही है कि रोज-रोज अपनी बेइज्जती न करानी हो तो स्वयं पार्टी से इस्तीफा दे दें।
सूत्रों का यहां तक कहना है कि गत दिनों राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुमार विश्वास को बुरी तरह से लताड़ा गया। कोई अन्य नेता होता तो पार्टी छोड़ कर चला जाता। हालांकि आम आदमी पार्टी की ओर से स्पष्ट निर्देश थे कि बैठक में क्या हुआ है, इस पर बाहर कोई बात नहीं करेगा।
उम्मीद जताई जा रही थी कि वे इसे मीडिया के सामने सार्वजनिक करेंगे। यदि ऐसा होता तो फिर पार्टी भी इस पर अपना पक्ष रखती। लेकिन शायद विश्वास भी मौका देखकर ही चोट करना चाहते हैं। वैसे आप भी नहीं चाहेगी इस मामले को आगे तक ले जाएं जिससे राजस्थान चुनाव में पार्टी को नुकसान हो।
बता दें कि विकास योगी से पहले आप की सक्रिय और जुझारू पदाधिकारी वंदना सिंह, आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडेय और कोषाध्यक्ष दीपक बाजपेयी भी कुमार विश्वास पर तीखे प्रहार कर चुके हैं।