संस्कृत है सभी भाषाओं की मूल : डॉ. रमाकांत शुक्ल
जासं, पश्चिमी दिल्ली : संस्कृत सभी भाषाओं की मूल है। इस भाषा का न सिर्फ भाषायी महत्व है बल्कि सांस्क
जासं, पश्चिमी दिल्ली : संस्कृत सभी भाषाओं की मूल है। इस भाषा का न सिर्फ भाषायी महत्व है बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी है। संस्कृत के अध्ययन में मानवता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। जाने माने संस्कृत विद्वान एवं पद्मश्री से सम्मानित डॉ. रमाकांत शुक्ल ने कहा कि संस्कृत ऐसी भाषा है, जिसके शब्द दुनिया की सभी प्राचीन भाषाओं में विद्यमान हैं।
डॉ. शुक्ल ने कहा कि संस्कृत के शब्दों का यूरोप की भाषाओं पर सर्वाधिक प्रभाव झलकता है। फ्रेंच, जर्मन, अंग्रेजी के कई शब्द संस्कृत से मिलते जुलते हैं। साहित्य की बात करें तो संस्कृत भाषा में लिखे गए ग्रंथों का अनुवाद दुनिया की अनेक भाषाओं में किया जा चुका है। पाणिनी रचित व्याकरण को दुनिया की सभी भाषाओं में उद्धत किया जाता है। संस्कृत भाषा एवं साहित्य अनादिकाल से आज तक मानवता के संरक्षण की प्रेरणा देते आ रहे हैं। संस्कृत का अध्ययन न केवल भारतीयता का परिचायक है बल्कि विश्वबंधुत्व की भावना को प्रकट करता है। यह भाषा भारत के गौरवमयी अतीत को बयां करती है। इस भाषा ने ही हमें कालीदास, भवभूति जैसी कई महान विभूतियां दी हैं।