फाइनल में मैक्सवेल की धूम, ऑस्ट्रेलिया बना चैंपियन
ट्राइ सीरीज के फाइनल मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 112 रनों से करारी शिकस्त देकर खिताब अपने नाम कर लिया है। ऑस्ट्रेलिया ने ग्लेन मैक्सवेल (95) और जेम्स फॉकनर (24 गेंदों पर नाबाद 50) के दम पर 279 रनों का स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में इंग्लैंड 39.1
पर्थ। ट्राइ सीरीज के फाइनल मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 112 रनों से करारी शिकस्त देकर खिताब अपने नाम कर लिया है। ऑस्ट्रेलिया ने ग्लेन मैक्सवेल (95) और जेम्स फॉकनर (24 गेंदों पर नाबाद 50) के दम पर 279 रनों का स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में इंग्लैंड 39.1 ओवर में ही 166 पर सिमट गई। मैक्सवेल ने 4 विकेट भी झटके जिसके बाद वो 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किए गए। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मिशेल स्टार्क को 'मैन ऑफ द सीरीज' के पुरस्कार से नवाजा गया। विश्व कप से ठीक पहले ये सीरीज जीतना मेजबान टीम की दावेदारी और मनोबल को और मजबूत करेगा।
- शुरुआत में लड़खड़ाए थे कंगारूः
मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहले ही ओवर की तीसरी गेंद पर ऐरोन फिंच के रूप में पहला झटका लगा। एंडरसन की गेंद पर रुट के हाथों कैच होने वाले फिंच अपना और टीम का खाता भी नहीं खोल पाए। ऑस्ट्रेलिया को 33 रन के स्कोर पर दूसरा झटका लगा, जब 2 चौकों की मदद से 12 रन बनाकर वॉर्नर एडरसन की गेंद पर आउट हो गए।
इसके बाद मैदान पर उतरे जॉर्ज बैली ने संभलकर खेलना शुरू किया, लेकिन वे 17 गेंदों में मात्र 2 रन ही बना पाए। उन्हें स्टुअर्ट ब्रॉड ने टेलर के हाथों कैच आउट करवाया। उस समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 12 ओवर में 46 रन था। एक छोर पर तेजी से खेल रहे स्टीवन स्मिथ भी अपनी पारी को लंबा नहीं खींच सकें। मोइन अली की गेंद को आगे बढ़कर खेलने के प्रयास में स्मिथ चूक गए और बटलर ने बड़ी ही खूबसूरती से उनकी स्टंप बिखेर दी। स्मिथ ने 50 गेंदों की अपनी पारी में पांच चौकों की मदद से 40 रन बनाए। स्मिथ के आउट होने के वक्त ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 17.4 ओवर में 60 रन था।
- शुरू हुआ मैक्सवेल और फॉकनर का धमालः
इसके बाद ग्लेन मैकक्सवेल और मिशेल मार्श ने ऑस्ट्रेलियाई पारी को संभाला। दोनों ने तेजी से रन बटोरते हुए स्कोर को 41 ओवर में 201 पर पहुंचा दिया। तभी मिशेल मार्श रन आउट हो गए। मार्श ने अपनी 68 गेंदों की पारी में 1 छक्के व 7 चौकों की मदद से 60 रन बनाए। उनके बाद मैदान पर उतरे ब्रैड हैडिन मैक्सवेल का लंबा साथ नहीं दे पाए और वे 1 चौके की मदद से 9 रन बनाकर ब्रॉड की गेंद पर आउट हुए। ग्लेन अपने शतक से महज 5 रन से चूक गए और 95 के स्कोर पर ब्रॉड की गेंद पर बटलर को कैच थमा बैठे। उन्होंने अपनी 98 गेंदों की पारी में 15 चौके लगाए। मैक्सवेल के आउट होने के बाद जेम्स फॉकनर ने धुंआधार पारी खेली और मात्र 24 गेंदों में 4 चौकों और इतने ही छक्कों की मदद से नाबाद 50 रन बना डाले जिसके दम पर ही कंगारू टीम 278 के स्कोर तक पहुंचने में सफल रही। इंग्लैंड की तरफ से क्रिस वोक्स सबसे महंगे साबित हुए। उन्होंने 10 ओवर में 89 रन लुटा दिए और एक भी विकेट हासिल नहीं किया।
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- इंग्लैंड के बल्लेबाजों का लचर प्रदर्शनः
इंग्लैंड के बल्लेबाजों के सामने 279 रनों का लक्ष्य था वो भी पर्थ की घातक विकेट पर लेकिन उसके मुताबिक उनकी बल्लेबाजी काफी लचर दिखी। सबसे पहले 18 रन के कुल स्कोर पर इयन बेल को हेजलवुड ने कैच आउट करा दिया। बेल ने मात्र 8 रन ही बनाए। इसके कुछ ही देर बाद पिछले मुकाबले में भारत के खिलाफ मैच जिताऊ पारी खेलने वाले जेम्स टेलर 4 रन बनाकर ही जॉनसन की गेंद पर मैक्सवेल को कैच थमा बैठे। फिर 46 के कुल स्कोर पर कप्तान इयन मोर्गन (0) और मोइन अली (26) के रूप में दो गेंदों पर जॉनसन ने लगातार दो झटके दिए। इसके बाद 71 के कुल स्कोर पर रूट (25) भी आउट हो गए।
कुछ देर तक बटलर और बोपारा टिके लेकिन 98 के कुल स्कोर पर इंग्लैंड को फिर लगातार दो झटके लगे। इस बार ये काम मैक्सवेल ने किया। उन्होंने बटलर (17) और वोक्स (0) को दो लगातार गेंदों पर पवेलियन भेज दिया। इसके बाद ज्यादा देर नहीं लगी और इंग्लैंड की पारी में सर्वाधिक रन बनाने वाले बोपारा (33) भी पवेलियन लौट गए। उनसे पहले ब्रॉड (24) और अंतिम विकेट के रूप में फिन (6) भी सस्ते में चलते बने। नतीजतन पूरी टीम 166 रन के अंदर 40वें ओवर की पहली ही गेंद पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से मैक्सवेल ने सर्वाधिक चार विकेट, जबकि जॉनसन ने 3, हेजलवुड ने 2 और फॉकनर ने 1 विकेट हासिल किया।