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वाका के स्कोर बोर्ड पर आज भी हाथ से बदले जाते हैं अंक

वेस्टर्न ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट एसोसिएशन (वाका) स्टेडियम का सबसे बड़ा आकर्षण विशाल स्कोर बोर्ड है। इलेक्ट्रॉनिक स्कोर बोर्ड का चलन शुरू हुए काफी साल बीत चुके हैं, बावजूद इसके इस स्टेडियम में लगा स्कोर बोर्ड आज भी पुराने अंदाज का है। मैच के दौरान बोर्ड पर स्कोर हाथ से बदले जाते

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2015 03:37 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 07:00 AM (IST)
वाका के स्कोर बोर्ड पर आज भी हाथ से बदले जाते हैं अंक

पर्थ, जागरण न्यूज नेटवर्क। वेस्टर्न ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट एसोसिएशन (वाका) स्टेडियम का सबसे बड़ा आकर्षण विशाल स्कोर बोर्ड है। इलेक्ट्रॉनिक स्कोर बोर्ड का चलन शुरू हुए काफी साल बीत चुके हैं, बावजूद इसके इस स्टेडियम में लगा स्कोर बोर्ड आज भी पुराने अंदाज का है। मैच के दौरान बोर्ड पर स्कोर हाथ से बदले जाते हैं। 1954 में निर्मित इस बोर्ड की ऊंचाई किसी तीन मंजिली इमारत के बराबर है। मैच के दौरान रन बदलने की व्यवस्था स्कोर बोर्ड के भीतर से है। इसके तीन स्तर हैं। पहले स्तर पर शुरुआत के छह बल्लेबाजों के रनों में बदलाव होता है। दूसरे पर शेष बल्लेबाजों के रन बदले जाते हैं। तीसरे और आखिरी स्तर पर विपक्षी टीम के गेंदबाजों का ब्योरा दर्ज होता है। इस पूरे काम में आठ से बारह लोगों के स्टाफ की जरूरत होती है। मैच वाले दिन स्टाफ को स्कोर बोर्ड के भीतर ही नाश्ता व दिन का भोजन दिया जाता है। साथ ही इसके भीतर ही अस्थाई टॉयलेट भी तैयार किया जाता है।

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बदली गई वाका के पिच की मिट्टी

पर्थ। वाका पर आगामी मैचों से पहले यहां के पिच क्यूरेटर मैथ्यू पेज सोमवार को मीडिया को संबोधित करने आए, लेकिन इस दौरान वह सहज नहीं दिखे। उन्हें डर था कि कहीं कोई उनसे अगले मैच में बनने वाले स्कोर को लेकर कोई सवाल न पूछ दे। उनका डर भी जायज था, क्योंकि आइसीसी के नियमों के अनुसार वह ऐसे किसी भी सवाल पर अपनी राय नहीं दे सकते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों में पर्थ की पिच की घटी तेजी और उछाल के सवाल पर उन्होंने साफ तौर पर माना कि पर्थ की पिच पहले जैसी नहीं रही। उन्होंने बताया कि 70 के आखिरी दशक में पिच के निर्माण में अलग तरह की मिट्टी का इस्तेमाल होता था। लेकिन 2000 की शुरुआत में पिच की खुदाई करके यहां की मिट्टी बदल दी गई, जिससे इसकी तेजी और उछाल कम हो गई। हालांकि 2006-07 में एक बार फिर पिच के अंदर की मिट्टी बदल दी गई। यहां उसी मिट्टी का इस्तेमाल किया गया जो 70-80 के दशक में इस्तेमाल की जाती थी।

वाका करता रहेगा टेस्ट मैचों की मेजबानी

पर्थ। सरकार की योजना पर्थ में ही वाका स्टेडियम के पास 2018 तक एक नए क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की है। वाका की सीईओ क्रिस्टिना मैथ्यूज ने स्पष्ट किया कि पर्थ में नया स्टेडियम बनने के बावजूद इस प्रतिष्ठित स्टेडियम से टेस्ट क्रिकेट की मेजबानी नहीं छीनी जाएगी। वाका ऑस्ट्रेलिया में एकमात्र निजी स्वामित्व वाला क्रिकेट स्टेडियम है।

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