आज इस विस्फोटक बल्लेबाज की कमी खलेगी टीम इंडिया को
वर्ष 2011 में जब भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ इंदौर में अपना आखिरी वनडे मुकाबला खेला था तो उस मैच में टीम को 153 रनों से बड़ी जीत मिली थी। इस मैच में टीम के विस्फोटक ओपनर बल्लेबाज विरेंद्र सहवाग ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी और
नई दिल्ली। वर्ष 2011 में जब भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ इंदौर में अपना आखिरी वनडे मुकाबला खेला था तो उस मैच में टीम को 153 रनों से बड़ी जीत मिली थी। इस मैच में टीम के विस्फोटक ओपनर बल्लेबाज विरेंद्र सहवाग ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी और भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के सामने विशाल स्कोर खड़ा किया था। खेल प्रेमी आज भी सहवाग की उस पारी को नहीं भूले हैं और आज के मैच में इस खिलाड़ी की कमी तो खेल प्रेमियों को जरूर खलेगी।
सहवाग की वो आतिशी पारी
वर्ष 2011 की उस सीरीज का चौथा मैच 8 दिसंबर को होलकर स्टेडियम में खेला गया था। भारतीय कप्तान सहवाग ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया था। इसके बाद तो जैसे वीरू ने कैरेबियाई गेंदबाजों का कत्लेआम शुरू कर दिया। उन्होंने 219 रनों की रिकॉर्ड पारी खेली। यह वन-डे क्रिकेट इतिहास का उस वक्त का दूसरा दोहरा शतक था और वनडे प्रारूप का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर भी था। वीरू ने इस दौरान सचिन तेंदुलकर (200 नाबाद विरुद्ध दक्षिण अफ्रीका) के सबसे ज्यादा रन के कीर्तिमान को तोड़ा था।
वीरू 149 गेंदों में 25 चौकों व 7 छक्कों की मदद से 219 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन उन्होंने अपना काम कर दिया था। उनके ऐतिहासिक प्रदर्शन की बदौलत भारत ने 5 विकेट पर 418 रन बनाए, जो भारत का वन-डे में सर्वाधिक स्कोर बन गया। टीम इंडिया का इससे पहले सर्वाधिक स्कोर 414/7 था, जो उसने राजकोट में 15 दिसंबर 2009 को श्रीलंका के खिलाफ बनाया था।