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आज रचा जा सकता है इतिहास, 34 साल पुरानी यादें होगी ताज़ा?

भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2005 में रहा था, जब टीम फाइनल में पहुंची, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के हाथों तब उसे हार का सामना करना पड़ा था।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sun, 23 Jul 2017 10:20 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jul 2017 02:46 PM (IST)
आज रचा जा सकता है इतिहास, 34 साल पुरानी यादें होगी ताज़ा?
आज रचा जा सकता है इतिहास, 34 साल पुरानी यादें होगी ताज़ा?

लंदन, पीटीआइ : इंग्लैंड के ऐतिहासिक लॉर्डस मैदान पर 1983 में कपिल देव की कप्तानी में भारत की पुरुष क्रिकेट टीम ने दो बार की विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार विश्व कप जीता था। विश्व कप की वह खिताबी जीत भारतीय क्रिकेट के लिए संजीवनी साबित हुई थी और उसके बाद भारत ने न केवल खेल में प्रगति की, बल्कि देश को विश्व स्तर के कई दिग्गज खिलाड़ी मिले।

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इतना ही नहीं क्रिकेट जगत में भारत विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर उभरा। इत्तेफाक से कपिल की टीम की उस खिताबी जीत के 34 साल बाद लॉर्डस के मैदान के जरिये ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम को भी नए युग का आगाज करने का मौका मिला है। ऐसे में जब मिताली की टीम रविवार को यहां मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ आइसीसी महिला विश्व कप फाइनल खेलने उतरेगी तो उसकी नजरें खिताब जीतकर अपने परिकथा जैसे अभियान का बेहतरीन अंत करने पर टिकी होंगी।

कड़ी मेहनत का सुखद फल : मिताली राज की अगुआई वाली भारतीय टीम ने अब तक स्वप्निल प्रदर्शन किया है और टीम ने सेमीफाइनल में छह बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 36 रन से हराकर सभी को अपनी क्षमता दिखा दी है। भारतीय टीम अब चाहेगी कि उसे टूर्नामेंट में अपनी कड़ी मेहनत का सुखद फल मिले। महिला विश्व कप में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2005 में रहा था, जब टीम फाइनल में पहुंची, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के हाथों तब उसे हार का सामना करना पड़ा था। अब रविवार को होने वाला मैच ऐसा लम्हा साबित हो सकता है जो महिला क्रिकेट को लेकर भारत में सभी समीकरण बदल दे।

सामूहिक प्रदर्शन का फायदा : खिताबी मुकाबले तक के सफर के दौरान टीम को सामूहिक प्रदर्शन का फायदा मिला, जिसमें मिताली ने मोर्चे से अगुआई की। वह 392 रन के साथ ऑस्ट्रेलिया की एलिस पेरी (404) के बाद टूर्नामेंट की दूसरी सबसे सफल बल्लेबाज हैं। सलामी बल्लेबाज स्मृति मंदाना पहले दो मैचों की फॉर्म को दोहराने में नाकाम रही हैं, लेकिन हरमनप्रीत कौर ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 171 रन की तूफानी पारी खेली थी। भारत ने इंग्लैंड को राउंड रोबिन चरण में रन हराया था और इस मैच में स्मृति ने 90 रन की पारी खेली थी। टीम को उनसे इस प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद होगी। गेंदबाजी में झूलन और राजेश्वरी गायकवाड़ विरोधी बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने में सफल रही हैं। भारत का भविष्य इन दोनों के प्रदर्शन पर भी निर्भर करेगा।

जोरदार वापसी : शुरुआती मैच में भारत के खिलाफ हार के बाद मेजबान टीम इंग्लैंड ने जोरदार वापसी की है और भारत के लिए राउंड रोबिन के प्रदर्शन को दोहराना आसान नहीं होगा। इंग्लैंड ने सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका पर दो विकेट की रोमांचक जीत के साथ खिताबी मुकाबले में जगह बनाई है। टीम को विकेटकीपर बल्लेबाज साराह टेलर और नताली सिवर से काफी उम्मीदें होंगी। कप्तान हीथर नाइट का मानना है कि उनकी टीम ने अब तक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं किया है और टीम खिताबी मुकाबले में ऐसा कर सकती है।

भारतीय टीम: मिताली राज (कप्तान), हरमनप्रीत कौर, वेदा कृष्णमूर्ति, मोना मेशराम, पूनम राउत, दीप्ति शर्मा, झूलन गोस्वामी, शिखा पांडे, एकता बिष्ट, सुषमा वर्मा, मानसी जोशी, राजेश्वरी गायकवाड़, पूनम यादव, नुजहत परवीन और स्मृति मंदाना।

टीम इंग्लैंड: हीथर नाइट (कप्तान), टैमी ब्यूमोंट, कैथरीन ब्रूंट, जॉर्जिया एल्विस, जेनी गुन, एलेक्स हर्टले, डेनियल हेजेल, बेथ लेंगस्टन, लॉरा मार्श, अन्या श्रुबसोल, नताली सिवर, साराह टेलर, फ्रान विल्सन, डेनियल वाट और लॉरेन विनफील्ड।

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