होने वाला है क्रिकेट में बड़ा खुलासा..
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) के अंदर विवाद ने सोमवार को गंभीर रूप ले लिया, जब उसके अध्यक्ष मुस्तफा कमाल ने कुछ लोगों की 'शरारतों' का खुलासा करने की धमकी दी, जिन्होंने उन्हें विश्व कप ट्रॉफी सौंपने के 'संवैधानिक अधिकार' से वंचित रखा। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क को फाइनल के बा
मेलबर्न। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) के अंदर विवाद ने सोमवार को गंभीर रूप ले लिया, जब उसके अध्यक्ष मुस्तफा कमाल ने कुछ लोगों की 'शरारतों' का खुलासा करने की धमकी दी, जिन्होंने उन्हें विश्व कप ट्रॉफी सौंपने के 'संवैधानिक अधिकार' से वंचित रखा।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क को फाइनल के बाद विश्व कप ट्रॉफी चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने दी, लेकिन कमाल ने दावा किया कि जनवरी, 2015 में संशोधित किए गए नियमों के अनुसार वैश्विक प्रतियोगिताओं में ट्रॉफी देने का अधिकार अध्यक्ष के पास है। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि मुझे ट्रॉफी क्यों नहीं देने दी गई।' हालांकि 1996 तक विश्व कप विभिन्न लोगों द्वारा प्रदान किए गए और यह जरूरी नहीं था कि आइसीसी प्रमुख ने यह ट्रॉफी दी हो।
कमाल ने विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में भारत के हाथों बांग्लादेश की शिकस्त के बाद अंपायरों के भेदभाव की कड़ी आलोचना की थी। इस मैच में भारत के रोहित शर्मा को रूबेल हुसैन की गेंद नोबॉल होने के कारण नॉटआउट दिया गया था जब यह फैसला काफी करीबी था। उन्होंने कहा, 'मैंने खराब अंपायरिंग पर बयान दिया था और यहां तक कि आइसीसी ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। मैं अध्यक्ष था, मैं अध्यक्ष हूं और मैं अध्यक्ष रहूंगा। लेकिन सच बोलने, क्रिकेट के लिए बोलने और क्रिकेट के हित में खड़ा होने के लिए मुझसे मेरा संवैधानिक अधिकार छीन लिया गया।'
'ट्रॉफी मुझे देनी चाहिए थी। यह मेरा संवैधानिक अधिकार है। लेकिन दुर्भाग्य से मुझे ऐसा नहीं करने दिया गया। मेरे अधिकार का सम्मान नहीं किया गया। स्वदेश लौटने के बाद मैं पूरी दुनिया को बताऊंगा कि आइसीसी में क्या चल रहा है। मैं पूरी दुनिया को उन लोगों के बारे में बताऊंगा जो शरारती चीजें कर रहे हैं।' -मुस्तफा कमाल [आइसीसी अध्यक्ष]