क्रिकेट में किया इंजीनियरिंग का भरपूर प्रयोग : श्रीनाथ
मैंने क्रिकेट के खेल में इंजीनियरिंग का भरपूर प्रयोग किया
जागरण संवाददाता, लखनऊ। 'मैंने क्रिकेट के खेल में इंजीनियरिंग का भरपूर प्रयोग किया। भले ही खेल के कारण मुझे इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने में आठ साल लग गए हों, लेकिन तेज गेंदबाजी करने में वह बहुत काम आई। यह विचार भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज व आइसीसी के मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने व्यक्त किए। वह पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की प्रथम पुण्य स्मृति के मौके पर गोमतीनगर के एक होटल में आयोजित इंटरनेशनल यूथ कॉन्क्लेव में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने कहा कि पहले बालिंग व बैटिंग के अच्छे शार्ट देखने के लिए वीडियो कैसेट लगाना पड़ता था। वर्ष 1996-97 में बतौर खिलाड़ी फास्ट फारवर्ड करके और बैक करके वीडियो कई बार देखा मगर यह उबाऊ था। ऐसे में अपने इंजीनियरिंग दोस्तों से संपर्क किया और फिर एक सॉफ्टवेयर खोजा, जिसमें कंप्यूटर में एक जैसे एक्शन एक साथ दिखते थे। इसके बाद टीम में सचिन तेंदुलकर सहित सभी खिलाडिय़ों ने इसकी प्रसंशा की। उन्होंने खेल में भविष्य बनाने की तैयारी कर रहे युवाओं को संदेश दिया कि वे पहले एक अच्छे विद्यार्थी बनें फिर आसानी से अच्छे खिलाड़ी भी बन सकते हैं। युवा अपने शरीर को फिट रखने के लिए रोज कसरत जरूर करें।
उन्होंने कहा कि अनिल कुंबले भारतीय क्रिकेट टीम के अच्छे कोच साबित होंगे क्योंकि वह अच्छे इंसान भी है। उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज तैयार करने के लिए प्रसंशा की और कहा कि वह खुद वसीम अकरम और इमरान खान के फैन हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व आलराउंडर कपिल देव से वह प्रभावित हैं। उन्होंने लोढ़ा कमेटी से जुड़े सवालों पर किसी भी तरह का जवाब देने से इंकार कर दिया।
20-20 क्रिकेट ने तो बढ़ा दी गेंदबाजों की चुनौती :
श्रीनाथ ने कहा कि 20-20 क्रिकेट जब से आया है दर्शक हर गेंद पर छक्का चाहता है। ऐसे में गेंदबाजों की चुनौती बढ़ी है। मैन ऑफ द मैच भी बल्लेबाजों को ही ज्यादा मिलता है।