इस दिन खुलेगा राज़, चैंपियंस ट्रॉफी से हटेगा भारत या फिर करेगा शिरकत?
क जून से इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के भाग लेने और आइसीसी के खिलाफ अपने रुख को तय करने के लिए सात मई को विशेष आम सभा करेगा।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) की दुबई में हुई बोर्ड बैठक में अलग-थलग पड़ा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) एक जून से इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के भाग लेने और आइसीसी के खिलाफ अपने रुख को तय करने के लिए सात मई को विशेष आम सभा (एसजीएम) करेगा।
7 मई को होगा चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने का फैसला
बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी को एसजीएम बुलाने के लिए कहा है। इस बैठक का एकमात्र एजेंडा आइसीसी है। जब खन्ना से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसकी पुष्टि भी की। इससे यह भी तय हो गया है कि सात मई से पहले चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का चयन नहीं होगा, क्योंकि बीसीसीआइ ने कहा था कि अगर आइसीसी भारत के हितों को ध्यान में नहीं रखता है तो वह चैंपियंस ट्रॉफी से हट सकता है। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया के 15 नाम आइसीसी को भेजने की आखिरी तारीख 25 अप्रैल थी। भारत को छोड़कर बाकी सात देश अपनी टीम आइसीसी को भेज चुके हैं।
इस बैठक में बीसीसीआइ के सभी राज्य संघों के अधिकारी भाग लेंगे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के सदस्यों के इसमें भाग लेने की संभावना नहीं है। मालूम हो कि आइसीसी बोर्ड बैठक में भारत के रुख को लेकर भी सीओए और बीसीसीआइ पदाधिकारियों का रुख अलग-अलग था। इससे पहले पांच मई को दिल्ली में ही राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में आइपीएल संचालन परिषद की बैठक होनी है जिसमें सीओए के सदस्य और सीईओ राहुल जौहरी भाग लेंगे।
क्या श्रीनिवासन के खिलाफ जाएंगे पदाधिकारी : बाहर से देखने में यह भले ही आइसीसी और बीसीसीआइ की लड़ाई दिख रही हो, लेकिन असल में यह आइसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर और पूर्व आइसीसी अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के बीच की रार है। बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी श्रीनिवासन के करीबी हैं और यही आइसीसी की बोर्ड बैठक में भाग लेने गए थे। ये पहले ही कह चुके हैं कि हम आइसीसी से समझौता नहीं करेंगे। बोर्ड के कुछ लोगों का कहना है कि ये श्रीनि का एजेंडा चला रहे हैं। हम नहीं चाहते कि भारत चैंपियंस ट्रॉफी से हटे। हालांकि ये पदाधिकारी क्या एसजीएम में मुंह खोलने की हिम्मत दिखा पाएंगे इस पर शक है।
भारत पड़ चुका है अलग-थलग : आइसीसी के मौजूदा राजस्व वितरण मॉडल में बीसीसीआइ को अब आइसीसी से 57.90 करोड़ डॉलर (लगभग 36 अरब रुपये) की जगह सिर्फ 29 करोड़ डॉलर (लगभग 18 अरब रुपये) मिलेंगे। हालांकि अभी मनोहर के बीसीसीआइ को अतिरिक्त 10 करोड़ डॉलर (लगभग छह अरब, 43 करोड़ रुपये) देने के प्रस्ताव को मानने का विकल्प खुला हुआ है। एसजीएम में इस पर भी चर्चा होगी। मालूम हो कि आइसीसी का राजस्व मॉडल 13-1 से और नया संविधान 12-2 से पास हुआ था। राजस्व में विरोध में पड़ा एकमात्र वोट भारत का और नए संविधान के विरोध में पड़े दो वोट भारत व श्रीलंका के थे। अब इसे जून में आइसीसी की वार्षिक आम सभा में लागू करने के लिए रखा जाएगा।