बीसीसीआइ को हो सकता है 1600 करोड़ रुपये का घाटा
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) में व्यापक सुधारों को लेकर लोढ़ा समिति की सिफारिशें उसके लिए गले की फांस बनती जा रही हैं। यदि मैचों के बीच विज्ञापन कम करने की समिति की सिफारिशों को लागू किया जाता है तो बीसीसीआइ को 1600 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) में व्यापक सुधारों को लेकर लोढ़ा समिति की सिफारिशें उसके लिए गले की फांस बनती जा रही हैं। यदि मैचों के बीच विज्ञापन कम करने की समिति की सिफारिशों को लागू किया जाता है तो बीसीसीआइ को 1600 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है। लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर आगे की योजना को लेकर बीसीसीआइ ने 19 फरवरी को आम सभा की विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें रिपोर्ट के नतीजों को लेकर चर्चा की जाएगी।
बीसीसीआइ की बैलेंस शीट के अनुसार, उसका राजस्व अभी लगभग दो हजार करोड़ रुपये है और इसका बड़ा हिस्सा प्रसारण अधिकारों और विज्ञापनों से मिलता है। लोढ़ा समिति की सिफारिशों में केवल लंच, चाय और ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान ही विज्ञापन दिखाने की बात की गई है। यदि इन्हें लागू किया जाता है तो फिर यह कमाई सिर्फ 400 करोड़ रुपये ही रह जाएगी। बोर्ड की सालाना आय में भारी कमी का सीधा असर देश की सबसे अमीर खेल संस्था के संचालन पर पड़ेगा। साथ ही जूनियर क्रिकेट का विकास भी प्रभावित होगा।
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सूत्र बताते हैं कि मैचों के प्रसारण अधिकार रखने वाला स्टार स्पोर्ट्स अभी प्रति मैच 43 करोड़ रुपये का भुगतान करता है। नए नियम के बाद बोर्ड की प्रति मैच की कमाई आठ से दस करोड़ रुपये रह सकती है। नाम न उजागर करने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा, 'हां, यह सच है कि हम ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, जिसमें हमारी कमाई घटकर 400 करोड़ रुपये रह जाएगी। स्टार स्पोर्ट्स अपने करार पर फिर से बातचीत करेगा और अभी हमें प्रति मैच जो धनराशि मिलती है वह हो सकता है कि बाद में इसका केवल 20 से 25 प्रतिशत ही दे। यही बात आइपीएल प्रसारकों के बारे में भी कही जा सकती है।' सूत्र ने बताया कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे और भारत के विदेशी दौरों के दौरान इंग्लैंड, न्यूजीलैंड या ऑस्ट्रेलिया जैसे मेजबान देश प्रसारण अधिकारों से भारत की तुलना में अधिक कमाई करेंगे।