प्रधानमंत्री वय वंदना योजना कितनी फायदेमंद, जानिए
जानिए सरकार की ओर से शुरू की गई प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की विशेष खूबियां
नई दिल्ली (बलवंत जैन)। बढ़ती हुई महंगाई एवं घटते हुए ब्याज दर के दौर में सबसे ज्यादा परेशान अगर कोई वर्ग है तो वो निवृत वरिष्ठ नागरिक है। चूंकि उनके पास अपनी आय बढ़ाने का सेवा निवृति के बाद कोई ओर जरिया नहीं है और वो अपने सेवा निवृति के फंड को ज्यादा जोखिमभरे निवेश माध्यम जैसे शेयर में निवेश नहीं कर सकते, उन्हें अपना पैसा फिक्स्ड डिपॉजिट में ही रखना पड़ता है जहां ब्याज दरें काफी समय से लगातार घट ही रही है।
सरकार वरिष्ठ नागरिकों की इस समस्या के हल के रूप में कुछ योजनाएं समय-समय पर शुरू करती रही है जैसे सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस), वरिष्ठ बीमा योजना आदि आदि। राहत देने के प्रयोजन से सरकार ने बजट में एक योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा था उसी प्रस्ताव को कार्यान्वित करने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम ने पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री वय वंदना योजना शुरू की है। इस योजना की विशेष खूबियों के बारे में इस लेख से समझते है।
कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 60 वर्ष पूरी हो गई हो वह इस योजना में निवेश कर सकता है। इस योजना में परिवार के सभी सदस्य (जो 60 वर्ष से ऊपर की उम्र के हैं) कुल मिलाकर एक नियत राशि का, अकेले या सब मिलाकर, निवेश कर सकते हैं। निवेश की राशि पर मासिक रूप से 8 प्रतिशत की दर से पेंशन मिलेगी। महत्तम पेंशन राशि सालाना 60,000 से ज्यादा नहीं हो सकती। पेंशन की राशि का भुगतान आप चाहे तो मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक एवं वार्षिक रूप से प्राप्त कर सकते है। कुल निवेश की राशि जो एक परिवार इस योजना के तहत निवेश कर सकता है वह 60,000 वार्षिक पेंशन के आधार पर तय होगी। मासिक पेंशन के लिए अधिकतम निवेश राशि 7,22,892 रुपये है वह ही वार्षिक पेंशन की अवस्था में 7,50,000 हो जाती है। चूंकि ब्याज दरों का रुझान घटने की तरफ है और जो वर्तमान में बैंक फिक्सड डिपॉजिट पर 6.50 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के बीच में है। सरकार इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को निवेश करने की तारीख से अगले दस वर्ष तक 8 प्रतिशत की दर से मासिक पेंशन की गारंटी देती है। अगले दस वर्षों तक 8 प्रतिशत की गारंटीड पेंशन वरिष्ठ नागरिकों के लिए नियमित रूप से होने वाली आय में कुछ स्थायित्व लाएगी। वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन के रूप में होने वाली राशि कर पात्र होगी। अगर उनकी कुल कर योग्य आय, आयकर की तय सीमा जो फिलहाल तीन लाख हैं, से ज्यादा होगी तो अन्य आय की भांति इस आय पर भी उन्हें नियमित दर से कर का भुगतान करना पड़ेगा।
पेंशन पाने के लिए आपको पेंशन की क्रय राशि का एकमुश्त भुगतान करना पड़ेगा। आपके द्वारा पेंशन क्रय राशि का भुगतान करने के बाद आपके द्वारा चयनित समयावकाश पर आपको अगले दस वर्ष तक पेंशन मिलती रहेगी।
अपवाद जन्य परिस्थिति में आप अपनी पेंशन को सरेंडर भी कर सकते हैं। आप पेंशन को सरेंडर करने का विकल्प कोई मेडिकल इमरजेंसी में ही कर पाएंगे और आपको इस अवस्था में अपनी क्रय राशि का 98 प्रतिशत ही वापस मिलेगा। दस वर्ष की पेंशन अवधिपूर्ण होने पर आपको आपकी पूरी क्रय राशि लौटा दी जाएगी। अगर पेंशन क्रयकर्ता का निधन दस वर्ष की पेंशन अवधि के दौरान हो जाता है तो पेंशन बंद हो जाएगी एवं क्रय राशि आपके द्वारा निमित व्यक्ति को लौटा दी जाएगी।
अगर आप चाहे तो पेंशन अवधि के दौरान क्रय राशि के 75 प्रतिशत तक ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं। आपके द्वारा लिए गए ऋण पर देय ब्याज आपकी पेंशन राशि के सामने समायोजित किया जाएगा। ऋण पर देय ब्याज की दर की घोषणा भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा समय समय पर की जाएगी।
मेरी राय में वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना जिससे निवेश की सीमा 15 लाख तक तय है एवं जिसमें मिलने वाले ब्याज की दर की हर तिमाही पर समीक्षा होती है। अत: प्रधानमंत्री वय वंदना योजना जिसमें अगले 10 वर्ष तक मिलने वाली राशि व दर अग्रिम रूप से नियत है। आपको वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में निवेश करने से पहले इस योजना का लाभ अवश्य लेना चाहिए। अगर आपके पास निवेश योग्य राशि ज्यादा है और आप अपने निवेश के साथ कोई जोखिम नहीं लेना चाहते है तो आपको दोनों योजना का साथ-साथ फायदा लेना चाहिए एवं इस तरह आप 25 लाख तक निवेश कर सकते है।
इस आर्टिकल के लेखक बलवंत जैन टैक्स और निवेश एक्सपर्ट हैं।