कंपोजीशन स्कीम के पात्र नहीं होंगे अंतरराज्यीय आपूर्ति करने वाले व्यापारी
जीएसटी के अंतर्गत अंतरराज्यीय आपूर्ति करने वाले व्यापारी अब कंपोजीशन स्कीम के पात्र नहीं होंगे
सवाल: मेरे एचयूएफ की मकान के किराये से प्रतिवर्ष 12 लाख रुपये की आय है जो जीएसटी की प्रस्तावित 20लाख रुपये की सीमा से कम है। उस पर अब तक सेवा कर दिया जाता रहा है। मैंने जीएसटी में माइग्रेट कर लिया है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि मुझे जीएसटी से छूट मिलेगी या नहीं। कृपया स्पष्ट करें।
जवाब: चूंकि आपका कारोबार 20 लाख रुपये से कम है, इसलिए जीएसटी की व्यवस्था के अंतर्गत आपका पंजीकरण जरूरी नहीं है। वे करदाता जो इसमें आ गए हैं, लेकिन पंजीकरण के पात्र नहीं हैं,उनके पास 31 जुलाई तक अपना अनंतिम पंजीकरण रद कराने का विकल्प है।
सवाल: जिन व्यापारियों ने कंपोजीशन स्कीम ली है क्या वे दूसरे राज्यों में खरीद-बिक्री कर सकते हैं?
जवाब: जो लोग अंतरराज्यीय आपूर्ति करते हैं वे कंपोजिशन स्कीम के पात्र नहीं होंगे लेकिन उन पर अंतरराज्यीय खरीदारी करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
सवाल: मैं एक फर्म चलाता हूं जिसमें कूरियर फ्रेंचाइजी भी चलाता हूं जिसका सेवा कर नियमित जमा करता हूं। साथ में मनी ट्रांसफर की वेस्टर्न यूनियन की फ्रेंचाइजी भी इसी फर्म में चलाते हैं, जिस पर कंपनी हमारे कमीशन पर ही सेवा कर काट कर हमें कमीशन देती है। जीएसटी लागू होने पर हम इसे किस प्रकार वापस ले सकते हैं या कूरियर के टैक्स में एडजस्ट कर सकते हैं?
जवाब: पंजीकरण कराने से पात्र क्रेडिट का प्रयोग किसी भी आउटपुट की देयता के भुगतान के लिए किया जा सकता है। इसलिए मामले में कूरियर के कारोबार के लिए दी जाने वाली इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रयोग मनी ट्रांसफर के कारोबार से संबंधित आउटपुट टैक्स के भुगतान के लिए भी किया जा सकता है।
सवाल: मैं एक किसान हूं और खेती करता हूं। खेती के इनपुट जैसे खाद पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव है। अगर मैं जीएसटी के लिए पंजीकरण कराता हूं तो क्या मुझे खेती के इनपुट पर चुकाए गए जीएसटी का रिफंड मिल सकेगा?
जवाब: आपके कारोबार पर कोई जीएसटी लागू नहीं होगा। इसलिए आप न तो इनपुट टैक्स क्रेडिट के पात्र हैं और न ही आपको रिफंड दिया जा सकता है।
सवाल: मै एक ट्रांसपोर्टर हूं। हेड आफिस दिल्ली में तथा ब्रांचे 10 राज्यों में हैं। अभी तक सर्विस टैक्स में सारा काम सेंट्रलाइज्ड रजिस्ट्रेशन से हो रहा था। क्या मुझे अब हर प्रान्त में रजिस्ट्रेशन कराना होगा? रिटर्न और अस्सेस्मेंट भी क्या हर राज्य का अनिवार्य होगा?
जवाब: आप जहां-जहां से कर योग्य आपूर्ति कर रहे हैं, वहां प्रत्येक जगह पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसके अलावा हर पंजीकृत व्यक्ति को अपना रिटर्न और आकलन भरना होगा।
सवाल: मेरी तलवार बनाने की फैक्ट्री है, क्या तलवारों पर भी जीएसटी लगेगा? मेरा सालाना कारोबार 20 लाख से कम है लेकिन मेरा कुछ व्यपार पंजाब से बाहर भी है तो क्या मुझे जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना होगा।
जवाब: यदि आप अंतर्राज्यीय आपूर्ति कर रहे हैं तो आपको अपना पंजीकरण कराना जरूरी होगा और 20 लाख रुपये की जो छूट की थ्रेसहोल्ड सीमा है आप उसके पात्र नहीं होंगे।
सवाल: हम एक कॉलेज के हॉस्टल में मेस चलाते हैं। कॉलेज हॉस्टल की फीस से हमारा भुगतान करता है। क्या हमें कॉलेज से जीएसटी लेना चाहिए? क्या कॉलेज को भी जीएसटी पंजीकरण कराने की जरूरत होगी?
जवाब: यदि आप अपनी आपूर्ति के लिए 20लाख रुपये से ज्यादा का प्रतिफल ले रहे हैं तो आपको पंजीकरण कराना जरूरी होगा। यदि कॉलेज को 20 लाख रुपये से अधिक की आपूर्ति हो रही है (जिसमें छूट प्राप्त आपूर्ति भी शामिल है) तो उनको भी पंजीकरण कराना जरूरी होगा।
सवाल: जीएसटी लागू होने पर यदि कोई व्यापारी (जो जीएसटी में पंजीकृत नहीं है) किसी गैर-पंजीकृत व्यापारी या व्यक्ति से माल खरीदता है तो उसको आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ मिलेगा या नहीं?क्या इस प्रकार की खरीद वैध मानी जाएगी? जीएसटी में रजिस्टर्ड डीलर को अपने खाते में इसे किस प्रकार दर्ज करना होगा?
जवाब: दो गैर पंजीकृत व्यक्तियों के बीच यदि कोई आपूर्ति का कार्य होता है तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा। अत: इसमें जीएसटी की कोई जरूरत नहीं है और वे इनपुट टैक्स क्रेडिट के पात्र नहीं होंगे। यह लेनदेन कानूनी और वैध होगा। किसी पंजीकृत व्यक्ति को रिकॉर्ड रखने के बारे में विस्तृत नियम दिए गए हैं।
(ये सवाल-जवाब नीरज प्रसाद, कमिश्नर, जीएसटी (इंवेस्टीगेशन), सीबीईसी, वित्त मंत्रालय के साथ हुई बातचीत पर आधारित है।)