Move to Jagran APP

अलग जीएसटी दरों वाले सामान की बिलिंग एक ही इनवॉयस पर

अलग अलग जीएसटी दरों को इनवॉयस में अलग-अलग दिखाया जा सकता है

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 14 Aug 2017 10:28 AM (IST)Updated: Mon, 14 Aug 2017 10:28 AM (IST)
अलग जीएसटी दरों वाले सामान की बिलिंग एक ही इनवॉयस पर
अलग जीएसटी दरों वाले सामान की बिलिंग एक ही इनवॉयस पर

क्या एक ही इनवॉयस में 12, 18 और 28 प्रतिशत जीएसटी की दर वाले सामान की बिलिंग की जा सकती है? अगर हां तो किस तरह?

loksabha election banner

हां आप उन्हें इनवॉयस में अलग-अलग दिखाकर ऐसा कर सकते हैं।

मैं एक प्रोप्राइटर हूं और मेरी दो कंपनियां- ए और बी हैं। मैंने कंपनी ए के लिए कंपोजीशन स्कीम के साथ जीएसटी का पंजीकरण करा लिया है। क्या मैं अपनी बी कंपनी को जीएसटी के दायरे से बाहर रख सकता हूं?

नहीं, आप ऐसा नहीं कर सकते। इसके लिए सीजीएसटी नियमावली, 2017 का नियम 11 (ब) देखें।

मैं एक अंडा व्यापारी हूं और मेरा वार्षिक टर्नओवर 20 लाख रुपये से अधिक है। क्या मुझे जीएसटी में पंजीकरण कराना जरूरी है?

पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है, यदि आप अधिसूचना संख्या केंद्रीय कर (दर) -2017 (2), नई दिल्ली दिनांक 08 जून, के अनुसार अंडा व्यापार करते हैं और पंजीकरण की आवश्यकता है अगर आप अधिसूचना संख्या 02 (2017) केंद्रीय कर (दर) के अनुसार अंडे का व्यापार करते हैं।

मेरा घरेलू कारोबार है और मेरा काम साल में सिर्फ तीन महीने चलता है और उसके बाद बंद हो जाता है। क्या मुझे भी जीएसटी का पंजीकरण कराना होगा?

जी हां, यदि आपका कारोबार इन तीन महीनों में 20 लाख रुपये से अधिक है।

मैने कंपोजीशन स्कीम के तहत पंजीकरण कराया था, अब मैं इस स्कीम को छोड़ना चाहता हूं। कंपोजीशन स्कीम को छोड़ने की प्रक्रिया क्या है?

आप इसके लिए फॉर्म जीएसटी सीएमपी-04 में आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सीजीएसटी नियमावली का नियम 6(3) देखें।

मैं अपना फैब्रिक जॉब वर्क के लिए मुंबई भेजना चाहता हूं। मुझे इस सामान के साथ क्या-क्या दस्तावेज देने चाहिए?

आप अपना सामान डिलीवरी चालान के साथ भेज सकते हैं। कृपया सीजीएसटी नियमावली का नियम 55 (ब) देखें।

हम उत्तर प्रदेश में एक छोटे रिटेलर हैं और दिल्ली से सामान खरीदते हैं। हमारा सालाना कारोबार भी पांच लाख रुपये से कम है। क्या हमें दिल्ली से सामान खरीदने के लिए जीएसटी में पंजीकरण कराना होगा?

नहीं, पंजीकरण की जरूरत नहीं है, और यदि आप इसके बाद इनकी आपूर्ति उत्तर प्रदेश से कर रहे हैं। क्योंकि आपका सालाना कारोबार 20 लाख रुपये से कम है। लेकिन आपको दिल्ली से सामान खरीदते समय आइजीएसटी देना होगा।

एक्साइज डिपार्टमेंट की अनुमति लेकर हमारे प्रतिनिधि एक-एक दुकान पर जाकर डिलीवरी चालान के माध्यम से वस्तुओं की आपूर्ति करते थे और मौके पर ही बिल भी जारी करते थे। आजकल हमें यह अनुमति लेने में परेशानी आ रही है। कृपया मार्गदर्शन करें।

आप अपना सामान डिलीवरी चालान के माध्यम से प्रतिनिधि को दे सकते हैं। इसके बाद प्रतिनिधि आपूर्ति के समय इनवॉयस जारी करेगा। कृपया सीजीएसटी नियमावली 2017 के नियम नंबर 55 को देखें।

मैं टू व्हीलर वाहनों के डीलर का सब-डीलर हूं। पहले हमें बाइक चालान पर मिलती थी। उसके बाद बाइक की बिक्री होने पर हमें डीलर से सेल लेटर और इनवॉयस मिलता था। फिर डीलर के नाम से आरटीओ ऑफिस से आरसी आती थी। जीएसटी लागू होने के बाद हमारे नाम से टैक्स इनवॉयस आ रही है जबकि सेल लेटर डीलर दे रहा है और आरटीओ से आरसी भी डीलर के नाम से आ रही है। क्या यह प्रक्रिया सही है?

हां, डीलर आपको इनवॉयस जारी करेगा और आप खरीदार को इनवॉयस जारी करेंगे। जिन बाकी चीजों का आपने जिक्र किया है, वे जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं।

(यह सवाल जवाब मंजूनाथ एएन, असिस्टेंट कमिश्नर (जीएसटी), वित्त मंत्रालय के साथ हुई बातचीत पर आधारित हैं।)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.