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इंफोसिस के MD और CEO विशाल सिक्का का इस्तीफा, शेयर टूटा

इंफोसिस के विशाल सिक्का ने कंपनी के एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है।

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 09:28 AM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 10:36 AM (IST)
इंफोसिस के MD और CEO विशाल सिक्का का इस्तीफा, शेयर टूटा
इंफोसिस के MD और CEO विशाल सिक्का का इस्तीफा, शेयर टूटा

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के मैनेनिंग डायरेक्टर और सीईओ विशाल सिक्का ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। विशाल सिक्का को तीन वर्ष पहले की कंपनी के सीईओ पद पर नियुक्त किया गया था। कंपनी की ओर से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी ने विशाल सिक्का का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। साथ ही यू बी प्रवीन राव को कंपनी का अंतरिम प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। विशाल सिक्का अब कंपनी में एक्जिक्युटिव वाइस चेयरमैन की भूमिका निभाएंगे। इस खबर के बाद इंफोसिस का शेयर शुरुआती कारोबार में भी 6 फीसद से ज्यादा टूट गया। इंफोसिस लिमिटेड का शेयर आज के कारोबार में 9.57 फीसद की गिरावट के साथ बंद हुआ है।

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कौन हैं नए अंतरिम प्रबंध निदेशक यू बी प्रवीण

इंफोसिस के नए अंतरिम प्रबंध निदेशक यू बी प्रवीण राव वर्ष 1986 में इंफोसिस के साथ जुड़े थे। राव के पास कंपनी के पूरे पोर्टफोलियो के लिए रणनीतिक और ऑपरेशनल संबंधी जिम्मदारी है। वे वैश्विक बिक्री, डिलिवरी और बिजनेस संबंधित कामों का निरीक्षण करते हैं। प्रवीण राव इंफोसिस बीपीओ के चेयरपर्सन भी हैं। राव 30 साल पहले कंपनी से जुड़े थे और कई सीनियर लीडरशीप भूमिकाएं निभा चुके हैं। इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट सर्विसेज के हैड, यूरोप के डिलिवरी हेड एंड हेड ऑफ रिटेल, कंज्यूमर पैकेज्ड गुड्स, लॉगिस्टिक एंड लाइफ साइंसेज के हेड जैसी भूमिकाएं शामिल हैं। राव नेशनल काउंसिल ऑफ कंफिडिरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री (सीआईआई) और नैस्कॉम के एग्जेक्यूटिव काउंसिल के सदस्य हैं। 

कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर मूर्ति ने खड़े किये थे सवाल

इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति ने कहा था कि कंपनी में कोरपोरेट गवर्नेंस का स्तर काफी नीचे आ गया है। इसमें दखल देने और फेरबदल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कुछ एग्जिक्युटिव्स को मनमाने तरीके से सेवरेंस पे दिये जाने पर कहा था कि इससे कंपनी के अन्य कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है। उन्होंने इस बात पर सवाल उठाया था कि जब वेरिएबल पे महज 80 फीसद ही दिया जाता है तो कंपनी छोड़ने वाले कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को दो वर्षों के लिए 100 फीसद वेरिएबल देना उचित नहीं था।

सिक्का और कंपनी के फाउंडर्स के बीच के मतभेद पर नाराणमूर्ति ने कहा था कि उन्हें सिक्का से कोई परेशानी नहीं है। वे गवर्नेंस बोर्ड के काम करने के तरीके से निराश हैं। उनका मानना था कि बोर्ड को इन मामलों का सामाधान निकालने की आवश्यकता है क्योंकि इससे अन्य कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है। आपको बता दें कि इंफोसिस में बीते एक-दो वर्षों के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्तीफा दिया है। बीते वर्ष जुलाई में इंफोसिस के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी एजवर्व (EdgeVerve) के ग्लोबल हेड और चीफ बिजनेस ऑफिसर अनिर्बन डे ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। 

सिक्का ने क्यों दिया इस्तीफा-
इंफोसिस के एमडी और सीईओ विशाल सिक्का ने बताया कि बीते कुछ महीनों से उन पर हो रहे व्यक्तिगत हमलों के चलते ही उन्होंने इस्तीफा दिया है। सिक्का ने कंपनी को भेजे गए अपने नोटिस में कहा है कि उन्होंने इंफोसिस की महान क्षमताओं में विश्वास जताया, लेकिन बीते कुछ महीनों के दौरान लोगों का ध्यान बंटाने वाली कुछ ऐसी बातें सामने आईं हैं जिन्होंने कंपनी के साथ-साथ मेरा ध्यान भी प्रभावित किया है। साथ ही मेरी जिस तरह की आलोचनाएं हुईं हैं, वे ज्यादातर व्यक्तिगत तथा नकारात्मक हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि विशाल सिक्का को बीते वर्ष बेसिक सैलरी, बोनस और बैनिफिट्स के रूप में 48.7 करोड़ रुपये दिये गये थे। जबकि वर्ष 2015 की आंशिक अवधि में उनकी बेसिक सैलरी 4.5 करोड़ रुपये थी। इससे पहले मूर्ति ने पूर्व सीएफओ राजीव बंसल को कंपनी से अलग होने के लिए 30 महीने के पैकेज के रूप में 23 करोड़ रुपये भुगतान करने पर भी सवाल उठाए थे।


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