ट्राई आईयूसी चार्ज में कर सकता है कटौती, सस्ती कॉल रेट की बढ़ी संभावना
2003 में जब इनकमिंग कॉल फ्री सेवाएं शुरू हुई थीं, उस समय ट्राई ने कॉल करने वाले ऑपरेटर से शुल्क लेने का नियम बनाया था
नई दिल्ली (जेएनएन)। दूरसंचार नियामक टेलिकॉम रेग्युलेरिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) उस शुल्क में कटौती करने की योजना बना रहा है जिसमें कनेक्टिंग कॉल्स (आईयूसी) के लिए कंपनियां एक दूसरे को भुगतान करती हैं। जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में आईयूसी की दर 14 पैसे प्रति मिनट है।
माना जा रहा है कि अब इसको 10 पैसे प्रति मिनट से कम किया जा सकता है। इसके पीछे कारण यह है कि अब 4जी सेवाएं शुरू हो जाने से वोल्ट का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है। इससे प्रत्येक कॉल पर महज 3 पैसे प्रति मिनट का ही खर्च आता है। जानकारों का मानना है कि जब डेटा के रेट लगातार कम किये जा रहे हैं तो ऐसे में आईयूसी का 14 पैसे प्रति मिनट की दर काफी ज्यादा है।
आईयूसी वर्ष 2003 में हुआ था शुरू
वर्ष 2003 में जब इनकमिंग कॉल फ्री सेवाएं शुरू हुई थीं, उस समय ट्राई ने कॉल करने वाले ऑपरेटर से शुल्क लेने का नियम बनाया था। इसकी शुरुआत में दर 15 पैसे प्रति मिनट से अधिकतम 50 पैसे तक की रखी गई थी। इसके अलावा 1.10 प्रति मिनट तक कैरिज चार्ज भी था। ट्राई ने वर्ष 2004 फरवरी में में इस दर को कम करके 20 पैसे प्रति मिनट कर दिया था। इसके बाद वर्ष 2015 में इसको 14 पैसे प्रति मिनट कर दिया गया था।