रिलायंस इंडस्ट्री खरीदेगी Balaji Telefilms में 25 फीसद की हिस्सेदारी
रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड बालाजी टेलिफिल्मस में 25 फीसद की हिस्सेदारी खरीदेगी
नई दिल्ली (जेएनएन)। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड ने बालाजी टेलिफिल्मस में 25 फीसद हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति जता दी है। टीवी कॉन्टेंट प्रॉडक्शन कंपनी बालाजी टेलिफिल्म्स के साथ यह सौदा करीब 413 करोड़ रुपए का होगा।
रिलायंस इंडस्ट्री ने बीएसई फाइलिंग में बताया कि कंपनी बोर्ड ने बालाजी टेलिफिल्मस के इक्विटी शेयर में निवेश को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत 2.52 करोड़ के इक्विटी शेयर की खरीद की जाएगी, जो करीब कंपनी के 24.92 फीसद की हिस्सेदारी है। एक अलग फाइलिंग में बालाजी टेलिफिल्मस ने बताया कि बोर्ड ने 2.52 करोड़ इक्विटी शेयरों के तरजीही मुद्दे के जरिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के निवेश को मंजूरी दे दी है। इसमें प्रति शेयर की कीमत 164 रुपए होगी औऱ यह कुल राशि 413.28 करोड़ रुपए बैठेगी।
FY18 Q1 Result: रिलायंस इंडस्ट्री के मुनाफे में आया 28 फीसद का उछाल
चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड (आरआईएल) के मुनाफे में 28 फीसद का उछाल देखने को मिला है। इस उछाल के साथ ही जून में समाप्त हुई तिमाही के दौरान कंपनी का तिमाही आधार पर कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट (शुद्ध लाभ) 9,108 करोड़ रुपए का रहा। जानकारी के मुताबिक कंपनी के मुनाफे में यह उछाल उच्च रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल मार्जिन की वजह से दिखा है। आपको बता दें कि बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 7,113 करोड़ रुपए का रहा था।
आरआईएल की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, “चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान नेट प्रॉफिट 9,108 करोड़ रुपए (30.8 रुपए प्रति शेयर) का रहा। यह बीते वर्ष के मुकाबले 28 फीसद का उछाल है जब नेट प्रॉफिट (शुद्ध मुनाफा) 7,113 (24.1 रुपए प्रति शेयर) का रहा था। उच्च रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल मार्जिन ने इस तिमाही के लिए उच्च परिचालन लाभ में योगदान दिया।”
आरआईएल, जो कि गुजरात के जामनगर में दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनिंग परिसर की मालिक है और उसका संचालन भी करती है, ने 11.9 अमेरिकी डॉलर के साथ 9 साल का उच्चतम मार्जिन हासिल किया है। आपको बता दें कि क्रूड ऑयल की कीमतों और रिफाइंड प्रोडक्ट्स की औसत बिक्री मूल्य के बीच के अंतर को रिफाइनिंग मार्जिन कहा जाता है, जो रिफाइनिंग कंपनियों का मुनाफा होता है।