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NPA की समस्या निपटाने को लिए बैंकों को सुधारनी होगी बैलेंस शीट

आरबीआई का मानना है कि एनपीए के गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए बैंकों को अपनी बैलेंस शीट मजबूत करनी होगी

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 14 Oct 2017 01:15 PM (IST)Updated: Sat, 14 Oct 2017 01:16 PM (IST)
NPA की समस्या निपटाने को लिए बैंकों को सुधारनी होगी बैलेंस शीट
NPA की समस्या निपटाने को लिए बैंकों को सुधारनी होगी बैलेंस शीट

नई दिल्ली (जेएनएन)। फंसे कर्ज यानी एनपीए बैंकों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। सरकार, आरबीआइ और बैंक सभी इससे चिंतित हैं। इसलिए हर स्तर पर इसका समाधान निकालने की पहल की जा रही है। इस मुद्दे पर रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने कहा कि एनपीए के गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए बैंकों को अपनी बैलेंस शीट मजबूत करनी होगी।

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विश्वनाथन यहां शुक्रवार को मर्चेट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान वह एक अन्य डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के निष्कर्षो का हवाला देना नहीं भूले।

विश्वनाथन ने कहा कि क्रेडिट ग्रोथ और बैंक की बैलेंस शीट के बीच तगड़ा अंतर-संबंध है। मार्च, 2017 तक बैंकों का ग्रॉस एनपीए कुल ऋणों का 10 फीसद था। यह मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का है। भारी-भरकम फंसे कर्जो को देखते हुए ही आरबीआइ ने बैंकों को इनकी एवज में ज्यादा राशि का प्रावधान करने का निर्देश दिया था।

क्रिप्टोकरेंसी पर नीति लाने की तैयारी

रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी पर नीति बनाने की तैयारी कर रहा है। विश्वनाथन ने इस बात के संकेत दिए। उनसे पूछा गया था कि क्या आरबीआइ क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा? जिस तरह से रुपये देकर हम लेनदेन करते हैं, वैसे ही ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए बिटकॉइन जैसी वचरुअल मुद्राएं उपयोग की जा रही हैं। हालांकि भारत में इसे अभी कानूनी मान्यता नहीं मिली है।

बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी में खास तरह की क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करके ट्रांजैक्शन को सुरक्षित बनाया जाता है। ऐसी करेंसी कई देशों में उपयोग की जा रही है। केंद्रीय बैंक वैध क्रिप्टोकरेंसी जारी करने की संभावनाओं पर काम कर रहा है। वह बिटकॉइन जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है।


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