जीएसटी लागू होने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी लगेगा टैक्स
जीएसटी के अमल में आने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी टैक्स लगाया जाएगा
नई दिल्ली। शिरिश गौड़ कांट्रैक्टर हैं। वे विद मटेरियल मकान बनाने का काम करते हैं। एक मकान बनाने के कांट्रैक्ट को सर्विस टैक्स से छूट मिली हुई है। अब चूंकि 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने जा रहा है, लिहाजा उन्होंने नईदुनिया को ई-मेल करके जानना चाहा है कि अब टैक्स की स्थिति क्या रहेगी? फिलहाल एक मकान के निर्माण पर सर्विस टैक्स की छूट मिली हुई है।
मान लीजिए कि कोई व्यक्ति किसी कांट्रैक्टर को मकान बनाने का ठेका देता है, तो ऐसे निर्माण कार्य की संपूर्ण लागत पर सर्विस टैक्स की छूट है। लेकिन जीएसटी के तहत इस नियम में कुछ बदलाव किए गए हैं, मसलन:
1. यदि मकान बनाने के लिए केवल लेबर कांट्रैक्ट दिया जाए तो ऐसा कांट्रैक्ट कर मुक्त होगा।
2. यदि मकान बनाने के लिए विद मटेरियल कांट्रैक्ट दिया जाए तो इस तरह के पूरे कांट्रैक्ट पर टैक्स लगेगा।
राहत की बात यह होगी कि इस टैक्स में से मटेरियल खरीदने और इनपुट सेवाओं पर चुकाए गए टैक्स की इनपुट क्रेडिट मिल सकेगी।
इसका मतलब यह हुआ कि शिरिश गौड़ को टैक्स से छूट तभी मिलेगी, जब वे केवल लेबर कांट्रैक्टर के तौर पर काम करेंगे। लेकिन, जब वे विद मटेरियल मकान बनाने का काम करेंगे तो उनके कांट्रैक्ट की पूरी रकम कर योग्य होगी।
सरकारी योजनाएं
उपरोक्त नियम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे मकानों पर भी लागू होगा। फिलहाल कई बिल्डर इस स्कीम के मानदंडों के तहत छोटे मकानों का निर्माण कर रहे हैं। इस तरह से बनाए जा रहे मकानों पर सर्विस टैक्स से छूट मिली हुई है। लेकिन, जीएसटी लागू होने पर बिल्डरों द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे मकान भी टैक्स के दायरे में आ जाएंगे।
तैयारी के लिए 9 दिन शेष
खरीदी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए और 1 जुलाई के बाद बिल बनाने के लिए जीएसटीआईएन नंबर की जरूरत होगी। इसलिए जिन व्यापारियों ने अब तक अपना रजिस्टेशन माईग्रेट नहीं कराया है, वे फौरन ऐसा करें। जीएसटी पोर्टल पर माईगेशन की विंडो 25 जून से दोबारा खुलेगी।
यह जवाब चार्टर्ड अकाउंटेंट मनोज पी गुप्ता से बातचीत पर आधारित है।