लोकसभा ने पारित किया रेल विनियोग विधेयक
वित्त वर्ष 2018 के लिए रेल मंत्रालय का आवंटन चालू वित्त वर्ष के 1,21,000 करोड़ रुपये की तुलना में आठ फीसद अधिक है
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। लोकसभा ने सोमवार को रेल विनियोग विधेयक और चालू वित्त वर्ष की अनुदान की मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए रेल की खातिर 1,31,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसके साथ ही लोकसभा ने वित्त वर्ष 2013-14 के लिए अतिरिक्त मांगों को भी मंजूरी दे दी। सरकार ने 16 मार्च को अनुदान की मांगें लोकसभा में रखीं थी।
रेल मंत्रालय का अगले वित्त वर्ष का आवंटन चालू वित्त वर्ष के 1,21,000 करोड़ रुपये की तुलना में आठ फीसद ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष के लिए रेलवे की अनुदान की मांगें 1,355 करोड़ रुपये की हैं। सरकार ने 1924 से चली आ रही अलग रेल बजट पेश करने की परंपरा को खत्म कर दिया है जिसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार आम बजट के तहत ही रेलवे का आवंटन और अनुदान पेश किया।
अनुपूरक अनुदान मांगों को हरी झंडी: लोकसभा ने एक सुर से 2016-17 की अनुपूरक अनुदान मांगों के अंतिम बैच को हरी झंडी दे दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 11.35 लाख करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय की अनुमति के लिए संसद के समक्ष इसे पेश किया। इसमें शुद्ध नकद व्यय के प्रस्तावों से संबंधित अतिरिक्त खर्च 14,786.85 करोड़ रुपये है। इसमें रक्षा कर्मियों का पेंशन एरियर, कर्ज भुगतान की राशि व कीमत स्थिरीकरण फंड (पीएसएफ) की खातिर ज्यादा धन का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा अदालती आदेशों के तहत भुगतान और 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर पेंशन बकाये की अदायगी और वन रैंक वन पेंशन के कारण महंगाई राहत और बकाया मद में 3,292.94 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही अतिरिक्त फंड के रूप में 3,500 करोड़ रुपये महंगाई रोकने वाले पीएसएफ के लिए मुहैया कराने की बात कही गई है।