अपने इस्तीफे पर क्या बोले सिक्का, जानिए बड़ी बातें और वजहें
जानिए विशाल सिक्का के इस्तीफे के पीछे की बड़ी बातें और क्या रहे वजहें
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ विशाल सिक्का ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें तीन वर्ष पहले ही कंपनी के सीईओ पद पर नियुक्त किया गया था। यू बी प्रवीन राव को कंपनी का अंतरिम प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। विशाल सिक्का अब कंपनी में एक्जिक्युटिव वाइस चेयरमैन की भूमिका निभाएंगे।
विशाल सिक्का के इस्तीफे की बड़ी बातें-
• विशाल सिक्का ने इस्तीफे के पीछे का मुख्य कारण बीते कुछ महीनों से उन पर हो रहे व्यक्तिगत हमलों को बताया है। उन्होंने कंपनी को भेजे गए अपने नोटिस में कहा है कि उन्हें कंपनी की महान क्षमताओं में विश्वास है, लेकिन बीते कुछ महीनों से लोगों का ध्यान बंटाने वाली कुछ ऐसी बातें सामने आ रही हैं जो उन्हें भी प्रभावित कर रही हैं।
• विशाल सिक्का ने बताया कि यह मुझे पूरी तरह से स्पष्ट है कि बीते तीन सालों की सफलतापूर्वक यात्रा और नए नवाचार के बीज बोने के बाद जब लगातार निरंकुश, निराधार/ दुर्भावनापूर्ण और तेजी से व्यक्तिगत हमलों के खिलाफ लगातार बचाव भरे माहौल के बीच मैं बतौर सीईओ अपने पद पर बना नहीं रह सकता हूं और न ही नई चीजों का सृजन कर सकता हूं।
• इंफोसिस के फाउंडर्स और कंपनी के बोर्ड के बीच यह विवाद सबसे पहले इस साल फरवरी में सामने आया था। फाउंडर्स ने इस बात पर सवाल उठाया था कि जब वेरिएबल पे महज 80 फीसद ही दिया जाता है तो कंपनी छोड़ने वाले कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को अगले दो वर्षों के लिए 100 फीसद वेरिएबल देना उचित नहीं था। साथ ही उन्होंने कंपनी के कामकाज के तरीके के संबंध में भी सवाल किये थे।
• सिक्का और कंपनी के फाउंडर्स के बीच के मतभेद पर नाराणमूर्ति ने कहा था कि उन्हें सिक्का से कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि सिक्का अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने कंपनी के काम करने के तरीके पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि गवर्नेंस की कुछ चीजों को बेहतर किया जा सकता था।
• बीते कुछ महीनों में यह बात भी सामने आई थी कि इंफोसिस के अन्य दो सह संस्थापक नंदन निलेकणि और एस गोपालकृष्णन ने कंपनी को पत्र लिखकर पूछा था कि सिक्का की सैलरी क्यों बढ़ाई जा रही है और कंपनी छोड़ने वाले दो शीर्ष अधिकारियों को इस्तीफे के बाद इतना भारी पैकेज क्यों दिया गया है।
• बाजार में उस समय ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि बंसल को इतना भारी भुगतान इसलिए किया गया क्योंकि उनके पास इंफोसिस को नुकसान पहुंचाने के संबंध में सूचना थी, नारायण मूर्ति ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि यह मामला नहीं हो। उन्होंने कहा था कि कंपनी से अलग होने के लिए पूर्व कार्यकारियों मोहन दास पई, अशोक वेमुरी, वी बालकृष्णन और बी जी श्रीनिवास को कभी पैकेज नहीं दिया गया था।
• विशाल सिक्का ने बोला उन्हें अपने तीन साल के कामकाज पर गर्व हैं और हमने वो काम कर दिखाया है जो किसी ने भी नहीं किया। साथ ही हमने बीते तीन साल के दौरान 50,000 नौकरियों का सृजन किया है साथ ही कंपनी की ग्रोथ के लिए 9500 परियोजनाओं पर काम जारी है। सिक्का ने यह भी कहा है कि हमने मार्जिन को स्थिर रखने के साथ ही लगातार नवाचार पर ध्यान दिया।
• सिक्का ने अपने इस्तीफे पर बोलते हुए कहा कि उन्हें अपने तीन साल के कार्यकाल पर गर्व है और लगातार हो रहे आरोपों से उन्हें मुश्किल हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे मतभेदों के साथ रोज सुबह उठना मुश्किल होता है। तीन साल में हमने 25 नई सर्विसेज लॉन्च कीं। सिक्का ने कहा कि ऐसे आरोपों से कंपनी की वैल्यू बनाना मुश्किल है।