महंगी हो गयी सिगरेट, GST काउंसिल ने लिया सेस बढ़ाने का फैसला
जीएसटी काउंसिल ने सिगरेट पर सेस में इजाफा कर दिया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। जीएसटी काउंसिल ने सिगरेट पर सेस (उपकर) बढ़ाने का फैसला किया है ताकि सिगरेट फर्म को मिल रहे अप्रत्याशित लाभ को रोका जा सके। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, “सिगरेट पर सेस की ऊंची दर से सरकार को 5,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।” इस फैसले को सिगरेट कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि जीएसटी के बाद उन्हें अचानक होने वाला फायदा अब नहीं मिल पाएगा। गौरतलब है कि ये जीएसटी काउंसिल की 19वीं बैठक थी।
वित्त मंत्री ने कहा, “सिगरेट पर 28 फीसद जीएसटी और 5 फीसद का एड वालरम बना रहेगा।” उन्होंने कहा कि सिर्फ सिगरेट पर मुआवजा उपकर राशि को बढ़ाया जाएगा। आपको बता दें कि एड वालरम एक प्रकार का टैक्स होता है जो कि वैल्यू पर लगता है।
जानिए कितना बढ़ा उपकर
65 मिलीमीटर की सिगरेटों पर उपकर प्रति हजार बढ़ाकर 485 रुपये और इससे अधिक लंबी सिगरेट पर उपकर प्रति हजार 792 रुपये किया गया। सिगरेट के लिए जीएसटी सेस दर में बदलाव 17 जुलाई की आधी रात से प्रभावी होगा। जीएसटी काउंसिल ने मई महीने में सिगरेट पर 28 फीसद की शीर्ष टैक्स दर तय की थी।
जीएसटी काउंसिल की 30 जून को आयोजित आखिरी बैठक में यह तय हुआ था कि अगली बैठक 5 अगस्त को होगी। लेकिन इस बैठक की तारीख को थोड़ा पहले खिसका लिया गया, क्योंकि काउंसिल चाहती है कि देशभर में जीएसटी लागू होने के बाद के हालात का और इस पर राष्ट्रीय स्तर की रिपोर्ट का जायजा लिया जा सके।
गौरतलब है कि अरुण जेटली के नेतृत्व में जीएसटी काउंसिल ने तमाम मुद्दों को सुलझाते हुए वस्तुओं एवं सेवाओं को चार टैक्स स्लैब में बांट दिया है। ये दरें 5,12,18 और 28 फीसद हैं।
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