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फीका रह सकता है धनतेरस पर कारोबार, मांग गिरने से सोने-चांदी में आई नरमी

नोटबंदी के बाद से बाजार में नकदी का प्रवाह कम है। ऐसे में आभूषण विक्रेताओं को कारोबार फीका रहने की आशंका है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 14 Oct 2017 02:04 PM (IST)Updated: Sun, 15 Oct 2017 09:10 AM (IST)
फीका रह सकता है धनतेरस पर कारोबार, मांग गिरने से सोने-चांदी में आई नरमी
फीका रह सकता है धनतेरस पर कारोबार, मांग गिरने से सोने-चांदी में आई नरमी

नई दिल्ली (पीटीआई)। इस बार धनतेरस पर स्वर्ण आभूषण का कारोबार फीका रह सकता है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सराफा कारोबारियों ने कई तरह की छूट और उपहार की घोषणाएं की है। हालांकि कारोबारियों का कहना है कि ज्वैलरी पर जीएसटी नियमों को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है। इससे कारोबार फीका रह सकता है।

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इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आइबीजेए) के डायरेक्टर सौरभ गाडगिल ने कहा कि बाजार धारणा में सुधार हुआ है लेकिन अब भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। गाडगिल ने कहा, ‘अगर पूरा कारोबार पिछले साल के बराबर या उससे पांच फीसद भी बढ़ सका तो खुशी की बात होगी।’ पीएनजी ज्वैलर्स के सीएमडी गाडगिल ने कहा कि कई कंपनियों में वेतन में हो रहा विलंब, उम्मीद से कम बोनस और मनी लांडिंग रोधी कानून (पीएमएलए) को लेकर अस्पष्टता के कारण इस धनतेरस और दिवाली पर बाजार में बिक्री कम रह सकती है। अर्थव्यवस्था में गिरावट से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई है। बाजार में अगले हफ्ते से ग्राहकों की आवाजाही बढ़ेगी लेकिन कुल खरीद कम रहने का अनुमान है।

ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने भी इसी तरह का अनुमान रखा है। उन्होंने कहा कि पीएमएलए को लेकर सरकार के हालिया फैसले से बाजार को राहत मिली है। हालांकि बाजार में नकदी की कमी के कारण बाजार धारणा कमजोर है। खंडेलवाल ने कहा, ‘ग्राहकों की आवाजाही शुरू हुई है लेकिन अभी इसने गति नहीं पकड़ी है।

पिछले साल हुई नोटबंदी के कारण बाजार में नकदी का प्रवाह कम हुआ है। इसके चलते इस बार ग्राहक कम हैं। इस साल कारोबार पिछले साल के बराबर या उससे कम रह सकता है।’ उन्होंने कहा कि आभूषण विक्रेता ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। कई विक्रेताओं ने विभिन्न छूट और ऑफर की भी घोषणा की है। इस बार ज्यादातर ग्राहक हल्के और जरूरी आभूषणों की खरीद तक सीमित रह सकते हैं।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारत में मैनेजिंग डायरेक्टर सोम सुंदरम ने कहा कि आभूषण उद्योग त्योहारी सीजन के स्वागत के लिए तैयार है। हालात पहली छमाही से बेहतर दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जुलाई में लांच हुई जीएसटी से जुड़ी अपनी चुनौतियां हैं। इनका असर कुछ समय बना रहेगा। जीएसटी को उचित तरीके से अपनाया नहीं गया है। साथ ही दक्षिण कोरिया से सोने-चांदी के आयात पर प्रतिबंध से भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई है।’ सोम सुंदरम ने हालांकि उम्मीद जताई कि बिक्री पिछले साल के स्तर को छू लेगी।

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती के बावजूद मांग गिरने से स्थानीय सराफा बाजार में शुक्रवार को सोने में नरमी आई। पीली धातु 30 रुपये टूटकर 30 हजार 800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई। बीते दिन इसमें 80 रुपये की तेजी आई थी। औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं के हाथ खींचने से चांदी भी लुढ़क गई। चांदी 100 रुपये फिसलकर 41 हजार 200 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई।

सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 0.18 फीसद चढ़कर 1295.40 डॉलर प्रति औंस रहा। चांदी भी 0.17 फीसद तेज होकर 17.26 डॉलर प्रति औंस बोली गई। दिल्ली में सोना आभूषण के भाव 30 रुपये गिरकर 30 हजार 650 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए। आठ ग्राम वाली गिन्नी 24 हजार 700 रुपये के पुराने स्तर पर बनी रही। चांदी साप्ताहिक डिलीवरी 55 रुपये के फायदे में 40 हजार 385 रुपये प्रति किलो बोली गई। चांदी सिक्का 74000-75000 प्रति सैकड़ा के पिछले स्तर पर यथावत रहा।


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